वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को लेकर बड़ी खबर सामने आई है, जिसके बाद इन शेयरों में अच्छी तेजी देखी जा रही है. VI के शेयर आज 10 फीसदी की तेजी के साथ 10 रुपये के पार पहुंच गए थे. हालांकि अभी सिर्फ 1.50 फीसदी की तेजी है. जबकि Bharti Airtel का शेयर रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. यह आज करीब 3 फीसदी चढ़कर 2100 रुपये पर कारोबार करते हुए दिखा.
एयरटेल ने छह महीने में 13 फीसदी और एक साल के दौरान 26 फीसदी की उछाल आई है. वहीं VI ने एक महीने में ही 18 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि 6 महीने में 36 फीसदी और एक साल में 35 फीसदी का रिटर्न दिया है.
अचानक क्यों आई इन शेयरों में तेजी?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर बड़ी राहत वाली बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि एजीआर में अतिरिक्त शुल्क को लेकर फिर से विचार किया जा सकता है. इस फैसले के बाद स्टॉक में शानदार तेजी आई है. अब एक्सपर्ट्स ऐसा कह रहे हैं कि अगर सरकार कोई ठोस योजना लेकर आती है तो VI और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है.
क्या है एजीआर का विवाद?
AGR एक लाइसेंस और स्पेक्ट्रम यूज चार्ज होता है. काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में AGR को लेकर सरकार और टेलीकॉम कंपनियों के बीच विवाद बढ़ा हुआ है. सरकार का तर्क है कि दूरसंचार विभाग कंपनियों के सभी तरह के आय को AGR में शामिल करना चाहिए. जिसमें टेलीकॉम कंपनियों का कॉल, डेटा के साथ नॉन-टेलीकॉम इनकम- असेट सेल, इंटरेस्ट रेट और किराया भी शामिल है.
वहीं टेलीकॉम कपंनियों का तर्क है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवाओं से होने वाली आय को ही गिना जाना चाहिए, गैर-दूरसंचार स्रोतों से होने वाली इनकम को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके बाद वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों पर भारी कर्ज हो गया. इसके बाद सरकार ने एक उपाय के तहत वीआई के कर्ज को इक्विटी में बदल दिया. एयरटेल ने भी कर्ज को इक्विटी में बदलने की सिफारिश की थी. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर राहत दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
Solicitor General of India (SG) ने कहा कि भारत सरकार द्वारा याचिकाकर्ता कंपनी में 49% इक्विटी का अधिग्रहण और याचिकाकर्ता की सेवाओं का उपयोग करने वाले 24 करोड़ उपभोक्ताओं की व्यापक चिंता को ध्यान में रखते हुए, संघ याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच करने को तैयार है. कोर्ट अनुमति दे, तो सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने को तैयार है.
कोर्ट ने कहा कि मामले की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने कंपनी में पर्याप्त इक्विटी निवेश की है और इसका 20 करोड़ ग्राहकों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, हमें मुद्दे पर पुनर्विचार करने और उचित कदम उठाने में कोई समस्या नहीं दिखती. कोर्ट ने कहा कि हम स्पष्ट हैं कि यह संघ के क्षेत्राधिकार में है. ऐसा कोई कारण नहीं है कि संघ को ऐसा करने से रोका जाए। इस मामले के इस नजरिए के साथ, हम रिट याचिका का निपटारा करते हैं.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)