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Prada... एक लाख के कोल्हापुरी चप्पल ही नहीं, यहां 5 लाख के पर्स और 99 हजार के बेल्ट भी बिकते हैं

प्राडा के प्लेटफॉर्म पर ग्राहक नवीनतम कलेक्शन जैसे ग्रीष्मकालीन कपड़े, सैफियानो चमड़े की बैग, और री-नायलॉन उत्पाद खरीद सकते हैं. प्राडा की डिजाइन में परंपरा और नवाचार का मिश्रण होता है, जो इसे लक्जरी फैशन में अग्रणी बनाता है. 

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प्राडा के प्रोडक्ट महंगे दामों के लिए प्रसिद्ध हैं.
प्राडा के प्रोडक्ट महंगे दामों के लिए प्रसिद्ध हैं.

भारत में 500-600 रुपये में बिकने वाला कोल्हापुरी चप्पल जब इटली के लग्जरी ब्रांड 'प्राडा (Prada)' पर 1 लाख 20 हजार रुपये में बिक रहा था. इस प्राइस टैग को देख भारत में तो लोग हैरान रह गए. लेकिन (Prada) नाम का ये एलीट लग्जरी ब्रांड अपनी कीमतों और हाई एंड प्रोडक्ट के लिए ही जाना जाता है. 

इस ब्रांड के प्रोडक्ट की कीमतें सुन आप हैरान रह जाएंगे. इस प्लेटफॉर्म पर शोल्डर बैग की कीमत 2250 डॉलर है. रुपये में इसकी कीमत 1 लाख 93 हजार रुपये होती है. 

इस प्लेटफॉर्म पर बिक रहे Large Prada Galleria Leather bag की कीमत 5600 डॉलर यानी कि 4 लाख 79 हजार रुपये है. 

इस लग्जरी ब्रांड पर बिक रहे लेडी स्विमिंग सूट की कीमत  525 डॉलर है. रुपये में इसका दाम 45 हजार है. जबकि लिपस्टिक की कीमतें 50 डॉलर तक है. 

यहां बिक रहे केज सैंडल की कीमत 1420 डॉलर है. यानी कि 1 लाख 21 हजार रुपये है. यहां स्नीकर्स की कीमतें 975 डॉलर रुपये है. 

प्राडा के सनग्लासेज 20 हजार से लेकर 30 हजार रुपये में बिकते हैं. 

अगर बेल्ट की बात करें तो यहां पुरुषों के बेल्ट 675 डॉलर और 750 डॉलर में मिलते हैं. 750 डॉलर यानी भारतीय रुपयों में इसकी कीमत लगभग 64 हजार रुपये हो जाएगी.

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इसके Antiqued leather belt की कीमत 1150 डॉलर यानी कि 99 हजार रुपये हैं. 

प्राडा के प्लेटफॉर्म पर ग्राहक नवीनतम कलेक्शन जैसे ग्रीष्मकालीन कपड़े, सैफियानो चमड़े की बैग, और री-नायलॉन उत्पाद खरीद सकते हैं. प्राडा की डिजाइन में परंपरा और नवाचार का मिश्रण होता है, जो इसे लक्जरी फैशन में अग्रणी बनाता है. 

इस प्लेटफॉर्म पर पुरुषों के लिए Saffiano leather briefcase का मूल्य 4600 डॉलर यानी कि 3 लाख 94 हजार रुपये है.  

बता दें कि 23 जून 2025 को मिलान फैशन वीक में आयोजित शो में प्राडा ने कोल्हापुरी सैंडलों को "लेदर सैंडल" के रूप में पेश किया. लेकिन प्राडा ने अपने ग्राहकों को इसका इंडियन लिंक नहीं बताया. न ही इसके सांस्कृतिक महत्व को स्वीकार किया.

बता दें कि कोल्हापुरी चप्पलें महाराष्ट्र और कर्नाटक के कारीगरों द्वारा सदियों से हस्तनिर्मित की जाती हैं. इसे 2019 में GI टैग भी मिल चुका है. 

विवाद तब शुरू हुआ जब सोशल मीडिया पर भारतीय फैशन विशेषज्ञों और आम लोगों ने प्राडा पर सांस्कृतिक विरासत की चोरी का आरोप लगाया, क्योंकि ब्रांड ने इन चप्पलों को ₹1.2 लाख की कीमत पर पेश किया, जबकि स्थानीय कारीगर इन्हें ₹300-1500 में बेचते हैं. 

कड़ी आलोचना के बाद, प्राडा ने 27 जून 2025 को महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि उनके डिजाइन कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित थे. 

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