जहां एक तरफ पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए दुनिया से कर्ज लेकर लुटा रहा है. वहीं अब IMF के बाद पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक एक बड़ा लोन देने की तैयारी रहा है. यह अमाउंट IMF के कुल लोन पैकेज का तीन गुना हो सकता है. जून में World Bank पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर का अमाउंट अप्रूव कर सकता है.
भारत सरकार जून 2025 में पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस सहायता पैकेज को लेकर World Bank से बात करेगी. बिजनेस टुडे टीवी के अनुसार, भारत सरकार पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए FATF से भी बात करेगी. सरकार का कहना है कि पाकिस्तान इन पैसों का गलत इस्तेमाल कर सकता है और आतंकवाद पर खर्च कर सकता है. पाकिस्तान इस लोन का इस्तेमाल अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए नहीं, बल्कि डिफेंस और टेरर इंफ्रा पर खर्च करेगा, जो पहले भी करता आ रहा है.
हथियारों के लिए इन पैसों का इस्तेमाल
9 मई को IMF द्वारा पाकिस्तान को नया बेलाआउट पैकेज की मंजूरी दी गई थी, जिसका भी विरोध भारत ने किया था. भारत ने IMF की ED क्रिस्टलीना जॉर्जीग्वा से कहा कि सरकार किसी भी देश को धन देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन डेटा से पता चलता है कि बेलआउट युद्ध जैसी स्थिति के दौरान आया है. IMF के डेटा के अनुसार, IMF ने पाकिस्तान को 28 बार सहायता दी है, जिसमें से धन का उपयोग हथियारों के लिए किया गया है, न कि वित्तीय स्वास्थ्य के लिए.
IMF से पाकिस्तान को कितना मिलने वाला है लोन
पाकिस्तान को हाल ही में IMF ने 1 अरब डॉलर (लगभग 8,500 करोड़ रुपये) का नया लोन अप्रूव किया है. यह लोन अमाउंट सितंबर 2024 में अप्रूव विस्तारित फंड सुविधा (EFF) के तहत सहायता पैकेज का हिस्सा है, जिसका कुल अमाउंट 7 अरब डॉलर है. अबतक पाकिस्तान को इसके तहत 2.1 अरब डॉलर मिल चुके हैं.
पाकिस्तान को IMF ने क्यों दिया लोन?
वहीं दूसरी ओर, एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान IMF ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया कि पाकिस्तान ने सभी मानकों को पूरा किया है, जिस कारण यह लोन अमाउंट दिया गया है. IMF ने बिजनेस टुडे टीवी को जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के मामले में, हमारा बोर्ड संतुष्ट था कि पाकिस्तान ने वास्तव में सभी लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. यह पैसा सीधे केंद्रीय बैंक को जाता है. सरकारी खर्च के लिए यह पैसा नहीं जात है, लेकिन सरकार कभी जब चाहे केंद्रीय बैंक से लोन ले सकता है.
IMF ने आगे यह भी कहा कि यह समीक्षा मूल रूप से 2025 की शुरुआत में करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसे समय से पहले ही पूरा कर लिया गया क्योंकि पाकिस्तान ने तेजी से सभी मानक पूरा किए.
पाकिस्तान को पूरा करने होंगे 50 शर्त
IMF ने अभी तक पाकिस्तान के लिए अगली किस्त पाने के लिए 11 और शर्तें जोड़ दी हैं. इस बेलआउट कार्यक्रम के तहत शर्तों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. IMF ने आगे चेतावनी दी है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से कार्यक्रम के वित्तीय उद्देश्यों के लिए रिस्क बढ़ सकता है.