नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब एनएसई पर शेयर खरीदना और बेचना पहले से सस्ता हो जाएगा. NSE ने मंगलवार को कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट की इक्विटी ट्रेडिंग पर लगने वाले ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती करने का फैसला किया है. यानी कि NSE कैश और डेरिवेटिव ट्रांजैक्शन चार्ज को घटाएगी. ऐसे में शेयरों की खरीदारी करने या बेचने पर आपको कम चार्ज देने होंगे.
सोमवार को हुई एनएसई बोर्ड की बैठक में सभी कैश इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रांजैक्शन चार्ज (NSE Transaction Charge) को 1% की कटौती को मंजूरी दी गई है. ट्रांजैक्शन चार्ज में कटौती 1 अप्रैल 2024 से लागू होगी. इस कटौती के बाद NSE पर कैश इक्विटी और डेरिवेटिव ट्रांजैक्शन चार्ज BSE के मुकाबले कम हो जाएगा. इस खबर के आते ही BSE के शेयरों में 6 फीसदी की कटौती देखी गई. हालांकि कारोबार के अंत में शेयर 2.52 फीसदी गिरकर 2148 रुपये पर बंद हुआ.
एनएसई पर क्या होगा असर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इस फैसले से कंपनी के रेवेन्यू पर करीब 130 करोड़ रुपये के नुकसान होने की उम्मीद है. इसके अलावा, एनएसई ने टेक्नोलॉजी और एजुकेशन समेत नॉन-बिजनेस से बाहर निकलने के अपने फैसले का भी ऐलान किया है, जिसे लेकर 60 से ज्यादा पार्टियों ने दिलचस्पी दिखाई है. 2 खरीदारों से अंतिम प्रस्ताव मिले हैं. बिक्री पूरी होने की डेट 31 मार्च 2024 है.
एनएसई ने 6 फीसदी तक बढ़ाया था ट्रांजेक्शन चार्ज
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में एनएसई ने इक्विटी कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट में लेनदेन शुल्क में 6% की बढ़ोतरी को वापस लेने का फैसला किया था. उस समय ब्रोकर डिफॉल्ट की वजह से NSE ने ट्रस्ट फंड कॉर्पस को बढ़ाने के लिए जनवरी 2023 में इन चार्जेज को 6 फीसदी बढ़ा दिया था. अब एनएसई के द्वारा चार्ज घटाने से BSE के शेयरों पर इसका असर हुआ है. एनएसई वर्तमान में अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ कैश इक्विटी और डेरेटिव दोनों में बड़ा प्लेयर है.
शेयर बाजार सपाट बंद
मंगलवार को BSE सेंसेक्स कारोबार के अंत में 0.22% या 165 अंक चढ़कर 73,667.09 स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी मामूली 3 अंक चढ़कर 22,335 पर बंद हुआ. हालांकि पिछले कुछ दिनों से मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की जमकर पिटाई हो रही है. मंगलवार को इन शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली.