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Morgan Stanley Report: अमेरिका फर्म की रिपोर्ट- 10 साल में भारत ने की खूब तरक्की, हर सेक्टर में डंका!

मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले 10 साल में भारत के किन सेक्टर्स में जोरदार विकास हुआ है. साथ ही ये भी बताया कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था के लिए ऐसी क्या चीजें हैं जो जोखिम साबित हो सकती हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अपनी नई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार की जमकर तारीफ की है. अपनी रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि 10 साल की छोटी अवधि में भारत ने मैक्रो और मार्केट आउटलुक में पॉजिटिव रिजल्ट के साथ ग्लोबल ऑर्डर में स्थान हासिल किया है. 'इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजी एंड इकोनॉमिक्स: हाउ इंडिया हैज ट्रांसफॉर्मेड इन लेस कम अ डिकेड', नाम की रिपोर्ट में जोरदार भविष्यवाणी भी की गई है. मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारत आने वाले समय में एशियाई देशों में प्रमुख लीडर के रूप में उभरेगा. साथ ही अगले दशक में ग्लोबल डेवलपमेंट का पांचवां हिस्सा होगा. मॉर्गन स्टेनली एक वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म है, जिसका मुख्यालय अमेरिका के न्यू यॉर्क में है.

सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

रिपोर्ट में कहा गया है कि हम भारत के बारे में विशेष रूप से विदेशी निवेशकों को लेकर संदेह में हैं. क्योंकि वो कहते हैं कि भारत दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. लेकिन बावजूद इसके पिछले 25 साल में टॉप प्रदर्शन करने वाले शेयरों बाजारों में इसने अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया है. हालांकि, इस तरह का नजरिया उन महत्वपूर्ण बदलावों की अनदेखी करता है जो भारत में हुए हैं. खासकर साल 2014 के बाद.

इन 10 बड़े बदलावों पर मॉर्गन स्टेनली का फोकस

  • सप्लाई साइड पॉलिसी रिफॉर्म्स
  • फॉर्मलाइजेशन ऑफ इकॉनमी
  • रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट
  • डिजिटलाइजिंग सोशल ट्रांसफर्स
  • इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टी कोड
  • फ्लेक्सिबल इंफ्लेशन टारगेटिंग
  • एफडीआई पर फोकस
  • इंडिया 401 (K) मोमेंट
  • कॉर्पोरेट प्रॉफिट को गवर्नमेंट सपोर्ट
  • हाई एमएनसी सेंटीमेंट

इन क्षेत्रों में हुए महत्वपूर्ण विकास

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रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 वर्षों में भारत की बेस कॉर्पोरेट टैक्स दर 25 प्रतिशत से नीचे रही है, जबकि 24 मार्च से पहले शुरू होने वाली नई कंपनियों के लिए यह 15 प्रतिशत पर बनी हुई है. बुनियादी ढांचे के विकास के मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों, ब्रॉडबैंड ग्राहक बेस, नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युतीकृत रेलवे मार्ग में महत्वपूर्ण विकास हुआ है.

भारत होगा वैश्विक विकास का पांचवां हिस्सा

मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कैसे भारत का जीएसटी कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है. पिछले 10 साल में डिजिटल लेनदेन जोरदार इजाफा हुआ है और इसने आर्थिक विकास को फायदा पहुंचाया है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत इस दशक के अंत तक वैश्विक विकास का पांचवां हिस्सा होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी और उत्पादकता वृद्धि के अंतर भारत के पक्ष में होंगे.

बदलावों का क्या पड़ेगा प्रभाव?

  • जीडीपी फीसदी के तौर पर विनिर्माण और कैपेक्स में लगातार बढ़ोतरी होगी. साल 2031 तक इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. 
  • निर्यात बाजार हिस्सेदारी दोगुनी होगी. अनुमान है कि भारत का निर्यात बाजार हिस्सा 2031 तक बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो जाएगा, जो 2021 के स्तर से लगभग 2 गुना अधिक है.
  • खपत बास्केट में बदलाव होगा. चूंकि भारत की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 2,200 डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2032 तक लगभग 5,200 डॉलर हो जाएगी. इस वजह से खपत बास्केट में बदलाव देखने को मिलेगा.
  • मुद्रास्फीति में कम अस्थिरता और कम ब्याज दर चक्र की उम्मीद रिपोर्ट में की गई है. 
  • चालू खाता घाटा में आसान ट्रेंड की बात रिपोर्ट में कही गई है.  
  • जीडीपी में बढ़ोतरी की वजह से मुनाफे में उछाल आएगा. सकल घरेलू उत्पाद में मुनाफे का हिस्सा 2020 में अब तक के सबसे निचले स्तर से दोगुना हो गया. इसके और बढ़ने की उम्मीद है.
  • चालू खाता फंडिंग में विदेशी पोर्टफोलियो (FPI) की कम हिस्सेदारी ने तेल की कीमतों के साथ शेयर बाजार के निगेटिव रिटर्न को कम किया है. आने समय में तेल की कीमतें कम रहेंगी ऐसील उम्मीद जताई गई है.
  • जैसे-जैसे वैश्विक पूंजी बाजार प्रवाह पर भारत की निर्भरता कम हुई है. अमेरिकी मंदी और यूएस फेड दर में बदलाव के प्रति बाजार का सेंटिमेंट भी फीका पड़ता हुआ नजर आ रहा है.
  • वैल्यूएशन री-रेटिंग: यह शेयरों के लिए लगातार घरेलू मांग और लंबे समय तक उच्च वृद्धि को दर्शाता है. भारत लंबी अवधि के प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है, भले ही यह उच्च स्तर पर है और हाल के इतिहास के अनुरूप है.
  • EM के लिए भारत का बीटा 0.6 तक गिर गया है. यह बेहतर मैक्रो स्थिरता और CAD को फंड करने के लिए ग्लोबल मार्केट फ्लो पर निर्भरता में कमी का परिणाम है.

भारतीय इकोनॉमी के लिए जोखिम बन सकती हैं ये चीजें

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मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में भी 2032 तक भारत में वित्तीय सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि और अगले कुछ वर्षों में ऊर्जा में उछाल की भविष्यवाणी की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या जोखिम हो सकते हैं. इनमें ग्लोबल मंदी, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के खंडित नतीजे, आपूर्ति की कमी के कारण कमोडिटी की कीमतों में तेज वृद्धि और स्कील्ड लेबर सप्लाई जैसी चीजें भारतीय इकोनॉमी के लिए जोखिम बन सकती हैं.

 

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