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‘ऑक्सीजन’ के लिए आगे आया देश का कॉरपोरेट, टाटा-रिलायंस के बाद इस ऑटो कंपनी ने की पहल

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं. इस बीच देश का कॉरपोरेट जगत ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए आगे आया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज जहां अपनी रिफाइनरी में मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है, वहीं टाटा समूह ने ऑक्सीजन के मालवहन के लिए क्रायोजनिक टैंकर आयात करने की घोषणा की है, अब इस कड़ी में एक ऑटो कंपनी का भी नाम जुड़ गया है..

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देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है (सांकेतिक फोटो)
देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वडोदरा की देवनंदन गैसेस के साथ करार
  • इस कंपनी ने पिछले साल बनाए थे वेंटिलेटर

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं. इस बीच देश का कॉरपोरेट जगत ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए आगे आया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज जहां अपनी रिफाइनरी में मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है, वहीं टाटा समूह ने ऑक्सीजन को लाने ले जाने के लिए क्रायोजनिक टैंकर आयात करने की घोषणा की है, अब इस कड़ी में एक ऑटो कंपनी का भी नाम जुड़ गया है..

MG Motor का देवनंदन गैसेस के साथ करार
देश में मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत है. महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में इसकी मांग लगातार बनी हुई है. इस बीच ऑटो कंपनी MG Motor India ने वडोदरा की देवनंदन गैसेस के साथ साझेदारी की है. दोनों कंपनियां मिलकर मेडिकल ऑक्सीजन बनाएंगी.

MG Motor India के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव चाबा ने कहा कि कंपनी कोविड-19 महामारी से लड़ने के प्रयासों को लेकर प्रतिबद्ध है. हमारे समाज का ख्याल रखते हुए कंपनी अपना ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा रही है और उससे जहां संभव होगा वह समर्थन करेगी.

पिछले साल बनाए थे वेंटिलेटर
राजीव चाबा ने कहा कि हमने पिछले साल भी कोरोना की लहर के दौरान यही एप्रोच अपनाया था. बीते साल हमने वडोदरा के मैक्स वेंटिलेटर्स संयंत्र में वेंटिलेटरों के उत्पादन को स्थिर बनाया था. अब हम ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं. कंपनी ने कहा कि देवनंदन गैसेस के साथ साझेदारी में विनिर्माण प्रक्रिया की समस्याओं को दूर करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और नुकसान को कम करने पर ध्यान देंगे इससे अगले दो हफ्ते में ऑक्सीजन का उत्पादन 25% तक बढ़ेगा. आगे इसे बढ़ाकर 50% करने का लक्ष्य है.

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www.indiatoday.in से इनपुट पर आधारित

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