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टैक्सपेयर्स के लिए गुड न्यूज, आईटीआर के लिए कटी लेट पेमेंट फीस वापस करेगा आयकर विभाग 

आयकर विभाग (Income tax department) ने कहा है कि 30 जुलाई के बाद रिटर्न (ITR) दाख‍िल करने वालों का जो भी लेट पेमेंट फीस, अतिरिक्त ब्याज कटा है, उसे वापस किया जाएगा. आयकर विभाग ने कहा कि यह आईटीआर सॉफ्टवेयर में गलती से हुआ था और इसे तत्काल ठीक कर लिया गया था.

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लेट पेमेंट फीस वापस करेगा आयकर विभाग (प्रतीकात्मक तस्वीर: Reuters)
लेट पेमेंट फीस वापस करेगा आयकर विभाग (प्रतीकात्मक तस्वीर: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आयकर विभाग ने दी राहत
  • तकनीकी गलती से हुई थी परेशानी

आयकर विभाग (Income tax department) ने इस महीने की शुरुआत में आईटीआर (ITR) दाख‍िल करने वालों की गलती से कट गई लेट पेमेंट फीस वापस करने का फैसला किया है. यह उन तमाम टैक्सपेयर्स के लिए राहत भरी खबर है जो लेट पेमेंट फीस कट जाने से परेशान थे. 

आयकर विभाग ने कहा है कि 30 जुलाई के बाद रिटर्न दाख‍िल करने वालों की जो भी लेट पेमेंट फीस, अतिरिक्त ब्याज कटा है, उसे वापस किया जाएगा. 
आयकर विभाग ने कहा कि यह आईटीआर सॉफ्टवेयर में गलती से हुआ था और इसे 1 अगस्त को ही ठीक कर लिया गया था. इस गलती की वजह से 30 जुलाई के बाद आयकर दाख‍िल करने वाले लोगों का सेक्शन 234A के तहत ब्याज और सेक्शन 234F के तहत लेट पेमेंट की गलत तरीके से गणना हो जा रही थी और यह लोगों के अकाउंट से काट लिया जा रहा था. 

क्या है मामला 

इनकम टैक्स विभाग ने जब से नया पोर्टल  (Income tax new website) लॉन्च किया है, कोई न कोई नई समस्या आती जा रही है. इस महीने की शुरुआत में एक नई समस्या यह आ गई कि 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की लेट पेमेंट पेनाल्टी कट गई है, जबकि रिटर्न की लास्ट डेट बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है. 
असल में आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई होती है, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए विभाग ने इस साल रिटर्न दाख‍िल करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है. 

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कितनी लेट पेमेंट फीस कटा था 

आयकर की धारा 234F के मुताबिक यदि कोई टैक्सपेयर 31 जुलाई की लास्ट डेट के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न दाख‍िल करता है तो उस पर अध‍िकतम 5 हजार रुपये का फाइन लगाया जा सकता है. दिसंबर के बाद यह सीमा अध‍िकतम 10 हजार रुपये हो जाती है.

नियम के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आय 5 लाख रुपये तक है उन्हें 1 हजार रुपये और जिन लोगों की सालाना आय 5 लाख से ऊपर है उन्हें 5 हजार रुपये तक फाइन देना पड़ सकता है. यह नियम सब पर लागू होता है चाहे वह कोई एक व्यक्ति हो, एचयूएफ, एओपी, बीओआई, कंपनी या फर्म. 

सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट तो बढ़ा दी है, लेकिन आयकर विभाग की वेबसाइट में यह जानकारी शायद अपडेट नहीं थी. इसकी वजह से टैक्सपेयर्स को काफी परेशानी हुई. 

 

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