इनकम टैक्स विभाग ने जब से नया पोर्टल लॉन्च किया है, समस्याएं खत्म होती नहीं दिख रहीं. अब एक नई समस्या यह आ गई कि 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की लेट पेमेंट पेनाल्टी कट गई है, जबकि रिटर्न की लास्ट डेट बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है. हालांकि रिटर्न दाखिल करने वाले कई चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि आज यानी 4 अगस्त को यह समस्या नहीं आ रही.
लेकिन इस महीने की शुरुआती दो-तीन दिन इसकी वजह से टैक्सपेयर्स काफी परेशान रहे. यह किसी तकनीकी यानी सॉफ्टवेयर की समस्या की वजह से हो सकता है, लेकिन आयकर विभाग का अभी इस पर कोई जवाब नहीं आया है. असल में आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई होती है और वेबसाइट के सिस्टम में शायद यही फीड हो. लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए विभाग ने इस साल रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है.
कितना लेट पेमेंट फीस कटा
आयकर की धारा 234F के मुताबिक यदि कोई टैक्सपेयर 31 जुलाई की लास्ट डेट के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करता है तो उस पर अधिकतम 5 हजार रुपये का फाइन लगाया जा सकता है. दिसंबर के बाद यह सीमा अधिकतम 10 हजार रुपये हो जाती है.
नियम के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आय 5 लाख रुपये तक है उन्हें 1 हजार रुपये और जिन लोगों की सालाना आय 5 लाख से ऊपर है उन्हें 5 हजार रुपये तक फाइन देना पड़ सकता है. यह नियम सब पर लागू होता है चाहे वह कोई एक व्यक्ति हो, एचयूएफ, एओपी, बीओआई, कंपनी या फर्म.
सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट तो बढ़ा दी है, लेकिन आयकर विभाग की वेबसाइट में यह जानकारी शायद पडेट नहीं थी. इसकी वजह से टैक्सपेयर्स को काफी परेशानी हुई. हालांकि इसे लेकर टैक्सपेयर्स को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि आयकर विभाग इसका कोई न कोई समाधान निकालेगा और पैसा वापस किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सेबी में रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी ने आजतक-इंडिया टुडे से कहा, 'जो पेनाल्टी कटी है, वह तकनीकी खामियों की वजह से हो सकती है. इनकम टैक्स वेबसाइट को मैनेज कर रही कंपनी पहले ही ऐसी खामियों को स्वीकार कर चुकी है. सीबीडीटी ने जब आईटीआर फाइलिंग की डेट बढ़ा दी है तो पेनाल्टी नहीं ली जानी चाहिए.'