टॉप-10 अमीरों (Top-10 Billionaires) में शामिल मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग अब तक दुनिया के सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति थे, लेकिन अब उनके सिर से ये ताज छिन गया है. तीन दोस्तों ने उनसे इसे छीनकर अपने नाम कर लिया है और सबसे कम उम्र के Self Made Billionaires बन गए हैं. इनमें दो भारतीय मूल के युवा भी शामिल हैं. इन तीनों दोस्तों ने सिर्फ 22 साल की उम्र में ये बड़ी उपलब्धि अपने हासिल की है.
22 साल की उम्र में बने अरबपति
भारतीय मूल के स्कूली दोस्त आदर्श हीरेमथ (Adarsh Hiremath) और सूर्या मिधा (Surya Midha) ने अपने अमेरिकी मूल ब्रेंडन फूडी के साथ मिलकर ये कमाल किया है. मार्क जुकरबर्ग को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति बने ये तीनों दोस्त एआई रिक्रूटमेंट स्टार्टअप मर्कोर (Mercor) के फाउंडर्स हैं. इस स्टार्टअप ने 35 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिससे कंपनी की वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर हो गई है. हिरेमथ और मिधा में से हर एक के पास ब्रेंडन फूडी के साथ मिलकर खड़ी की इस 10 अरब डॉलर की कंपनी में करीब 22% हिस्सेदारी है.
जुकरबर्ग 23 साल में पाया था मुकाम
इस तीनों युवाओं से पहले ये ताज फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के नाम था, जो 23 साल की उम्र में अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए थे. साल 2008 में उनकी एंट्री Billionaires List में हुई थी. फिलहाल की बात करें, तो Mark Zuckerberg Net Worth 225 अरब डॉलर है और इस आंकड़े के साथ वे दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं.
ऐसे हुई तीनों दोस्तों की मुलाकात
आदर्श हिरेमेथ का जन्म अमेरिका में एक अप्रवासी परिवार में हुआ था, जो भारत से आकर US में बसा था. उन्होंने सैन जोस के बेलार्माइन कॉलेज प्रिपरेटरी से पढ़ाई की. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल देखें, तो हार्वर्ड में उन्होंने कंप्यूटर साइंस, मशीन लर्निंग पर शोध करने पर समय बिताया. हालांकि, दो साल बाद उन्होंने हार्वर्ड छोड़ दिया.
सूर्या मिधा की बात करें, तो इनके माता-पिता भी नई दिल्ली से अमेरिका में आकर बस गए थे. इनका जन्म माउंटेन व्यू में हुआ और पालन-पोषण सैन जोस, कैलिफ़ोर्निया में हुआ और शुरुआती पढ़ाई बेलार्माइन कॉलेज प्रिपरेटरी में हुई जहां हीरेमेथ पढ़ रहे थे. मिधा ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, उस समय ब्रेंडन फ़ूडी भी जॉर्जटाउन में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहे थे. खास बात ये है कि तीनों के माता-पिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे.
2023 में लॉन्च किया था स्टार्टअप
Mercor को साल 2023 में एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय इंजीनियरों को फ्रीलांस कोडर्स की तलाश करने वाली अमेरिकी कंपनियों से जोड़ना था. अरबपति हिरेमेथ के हवाले से फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया, 'मेरे लिए सबसे अजीब बात यह है कि अगर मैं मर्कोर पर काम नहीं कर रहा होता, तो मैं कुछ महीने पहले ही कॉलेज से ग्रेजुएट हो चुका होता.'
Forbe's के मुताबिक, मर्कोर के फाउंडर ये तीनों ही युवा थिएल फेलो हैं और अरबपति निवेशक पीटर थिएल के कार्यक्रम के सदस्य हैं, जिसके तहत कॉलेज छोड़ने के बदले युवाओं को प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का अनुदान दिया जाता है.