MNC Brand vs China: मानवाधिकारों पर नसीहत देने वाले पश्चिमी देशों के मशहूर ब्रैंड को चीन अलग तरह से सबक सिखा रहा है. चीन सरकार उन्हें कथित रूप से 'चीन की नीतियों के खिलाफ' बोलने पर टाइट कर रही है. इन ब्रैंड को यह समझ में आ गया है कि चीन में कारोबार बाकी दुनिया की तरह नहीं हो सकता.
चीन मानवाधिकारों पर किसी भी तरह की नसीहत बर्दाश्त नहीं कर रहा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, फैशन इंडस्ट्री के एक सस्टेनेबिलिटी ग्रुप Better Cotton Initiative ने जब चीन में उईगर मुसलमानों के साथ हो रहे बर्ताव पर कुछ बयान दिया तो उसको लगता था कि वह बीजिंग में मानवाधिकारों की रक्षा पर चीन सरकार को नसीहत दे रहा है. लेकिन इसकी वजह से जब उसके साथ जो हुआ उससे सभी पश्चिमी ब्रैंड को यह सबक मिल गया कि चीन में कारोबार किस तरह से होता है.
मानवाधिकारों पर सवाल
इसी तरह Better Cotton Initiative ने उइगर इलाके में कपास की खेती में कथित बंधुआ मजदूरी को लेकर भी बयान दिए थे जिसकी वजह से बैटल कॉटन इनीशिएटिव को चीन में कारोबार करने में पिछले 12 महीने में कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ी है. इस ग्रुप में Uniqlo की मालिक फास्ट रीटेलिंग, वालमॉर्ट इंक, नाइकी (Nike Inc) जैसी कंपनियां हैं.
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इस ग्रुप ने चीन के Xinjiang प्रांत में कपास उत्पादक इलाकों में कथित बंधुआ मजदूरी पर कुछ बयान दिए थे. लेकिन चीन सरकार ने ऐसे कदम उठाए कि इन ब्रैंड को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इसकी वजह से Levi Strauss & Co जैसी कई कंपनियां अपने प्रोडक्शन टारगेट में पिछड़ गईं. Hennes & Mauritz AB’ की आय में 40 फीसदी की गिरावट आई, जबकि चीन उसके लिए चौथा सबसे बड़ा बाजार है. गौरतलब है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा फैब्रिक प्रोड्यूसर और कस्टमर है.
चिढ़ गया चीन
चीन ने विदेशी फैशन ब्रैंड की जमकर आलोचना करनी शुरू की और लोगों द्वारा उनके प्रोडक्ट की बायकॉट तक के आह्वान किए गए. कई मकान मालिकों ने अपने मकान में चलने वाले H&M स्टोर को बंद करा दिया. H&M की वेबसाइट पर भी चीन की बंधुआ मजदूरी को लेकर कुछ टिप्पणियां की गई थीं.
चीन के दर्जनों सेलिब्रिटी ने BCI सदस्यों H&M, Adidas AG और Nike जैसे फर्मों के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए. इन सबकी वजह से पिछले साल कई एमएनसी अपने प्रोडक्शन टारगेट से चूक गई. अन्य कंपनियां इस मसले पर शांत हो गई और शिंजियांग के बारे में कुछ बोलने से बचने लगी.
BCI ने अपने ग्रुप वेबसाइट से बयान तो हटा लिया, लेकिन चीन सरकार इससे पसीजती नहीं दिखी. चीन ने सितंबर महीने में एक सस्टेनबिलिटी सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के लिए भर्ती अभियान शुरू किया, जिससे BCI को काफी नुकसान होगा.
पिछले साल अक्टूबर से ही तनाव बढ़ना शुरू हुआ जब अमेरिकी सरकार ने शिंजियांग (Xinjiang) इलाके से कुछ आयात पर रोक लगा दी, यह कहते हुए कि चीनी प्रशासन ने 10 लाख से ज्यादा उइगर मुसलमानों को हिरासत में ले रखा है और उन्हें कथित 'पुनर्शिक्षा' कैम्प में रखा गया है. चीन सरकार इससे लगातार इंकार करती रही.