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अडानी ने लगाई बोली, खरीदने की मची होड़... कंपनी पर 29,330 करोड़ का कर्ज!

संकट में फंसी हुई ये कंपनी KSK महानदी पावर है, जिसे खरीदने के लिए अब बोलीकर्ताओं की संख्‍या में बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण दिवालिया हो चुकी इस कंपनी के क्रेडिटर्स की समिति (COC) को एक दुर्लभ पूर्ण वसूली की उम्मीद है.

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गौतम अडानी
गौतम अडानी

एक पावर कंपनी को खरीदने के लिए जहां कम खरीदार शामिल हो रहे थे, वहीं अब अडानी ग्रुप के रेस में आते ही कई दिग्‍गज तैयार हो चुके हैं. दिवालिया हो चुकी इस कंपनी को खरीदने के लिए अडानी ग्रुप ने 12,500 करोड़ की बोली पेश की है. इसके बावजूद बोलीकर्ताओं की संख्‍या में उल्‍लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि अंतिम बोली की संख्‍या शुरुआती आंकड़ों से ज्‍यादा हो सकती है. 

संकट में फंसी हुई ये कंपनी KSK महानदी पावर है, जिसे खरीदने के लिए अब बोलीकर्ताओं की संख्‍या में बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण दिवालिया हो चुकी इस कंपनी के क्रेडिटर्स की समिति (COC) को एक दुर्लभ पूर्ण वसूली की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी कामयाबी होगी, जो शायद कभी भी ना हुआ हो. 

अडानी के आने से बढ़ गई दिलचस्‍पी 
IBC के सूत्रों का कहना है कि अडानी की ऊंची बोली अगले प्रतिस्‍पर्धी से 62 प्रतिशत ज्‍यादा है. अडानी की 12500 करोड़ की बोली ने केएसके महानदी में खरीदारों की दिलचस्‍पी बढ़ा दी है. बिजनेस टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नवीनतम घटनाक्रम में NTPC समेत 10 शुरुआती बोलीकर्ताओं में से 6 ने अडानी के साथ जुड़ने का प्रस्‍ताव रखा है, जिससे इस कंपनी को खरीदने की होड और तेज हो गई है. इससे इसकी परिसंपत्ति का प्राइस भी बढ़ चुका है. 

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अडानी की बोली से वसूल होगी 92% फीसदी संपत्ति
केएसके महानदी के 10,000 करोड़ रुपये के कैश भंडार और 4,000 करोड़ रुपये के व्यापार प्राप्तियों के साथ, अडानी की संचयी बोली से केडिटर्स को परिसंपत्ति के कर्ज का लगभग 92% वसूल हो सकता है. यह संभावित वसूली IBC के प्राइस को अधिकतम करने के उद्देश्य के अनुरूप है, जो इसे संहिता के लिए एक ऐतिहासिक पल बनाता है. 

कंपनी पर इतना कर्ज 
छत्तीसगढ़ में स्थित KSK महानदी पावर की क्षमता 1,800 मेगावाट है और इस पर 29,330 करोड़ रुपये का कर्ज है. प्लांट ने 2019 में IBC में प्रवेश किया, जिसमें JSW एनर्जी, जिंदल पावर, वेदांता, NTPC और कोल इंडिया जैसे प्रतिस्पर्धियों से शुरुआती बोलियां 6,500 करोड़ रुपये से 7,700 करोड़ रुपये के बीच थीं.

अडानी की बोली आईबीसी कार्यवाही के माध्यम से लैंको अमरकंटक और कोस्टल एनर्जेन के हाल ही में किए गए अधिग्रहण के बाद आई है. प्रतिस्पर्धा को और अधिक बढ़ाने के लिए, COC ने एक चुनौती तंत्र शुरू किया, जिससे प्रतिद्वंद्वियों के बीच बोली में वृद्धि हुई. 

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