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DSEU में पहला उद्योग दिवस, 100 से अधिक कारोबारियों ने की शिरकत

28 सितंबर 2022 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में JLL, मारुति सुजुकी, HDFC, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बैंक ऑफ बड़ौदा, मैकमिलन, मेट्रोपोलिस आदि जैसे 80 से अधिक संगठनों के 100 से अधिक उद्योग जगत के उल्लेखनीय गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया. 

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कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य

छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के गुर सिखाने के लिए एक बड़ी पहल हुई है. इसी कड़ी में दिल्ली स्किल एंड इंटरप्रेनरशिप यूनिवर्सिटी (Delhi Skill and Entrepreneurship University-DSEU) ने पहले उद्योग दिवस की मेजबानी की. दरअसल, अगस्त 2020 में स्थापित, कौशल विश्वविद्यालय ने युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुसार तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा प्रणाली में उद्योग की जरूरतों को शामिल करने पर अत्यधिक जोर दिया है. 

इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए डी.एस.ई.यू. ने पिछले 2 वर्षों में 70 से अधिक कंपनियों के साथ भागीदारी की है, और यह सुनिश्चित किया है कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक कार्यक्रम उद्योग से जुड़ा हुआ हो. साथ ही उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया हो. डी.एस.ई.यू. द्वारा मनाया जाने वाला उद्योग दिवस, उद्योग एवं  शिक्षा जगत के विशेषज्ञों को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया गया यह पहला कार्यक्रम है.

छात्रों के लिए बेहतरीन मौका 

28 सितंबर 2022 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में JLL, मारुति सुजुकी, HDFC, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बैंक ऑफ बड़ौदा, मैकमिलन, मेट्रोपोलिस आदि जैसे 80 से अधिक संगठनों के 100 से अधिक उद्योग जगत के उल्लेखनीय गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया. 

इस कार्यक्रम में पहुंचे लोगों का स्वागत करते हुए प्रो. (डॉ.) रिहान खान सूरी ने कहा, 'यह कहना उचित होगा कि यह दिन यहां मौजूद हमारे उद्योग भागीदारों के कारण ही संभव हो पाया है. हम बेहद आभारी हैं कि आपने हमारे दृष्टिकोण को मान्यता दी एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को कौशल सशक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं, जिसके तहत छात्रों को सिर्फ डिग्री ही नहीं, बल्कि उन्हें नौकरी के लिए तैयार किया जायेगा.'

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उन्होंने कहा कि हमारे उद्योग भागीदार डी.एस.ई.यू. को एक ऐसी शिक्षा प्रदान करने में सहयोग दे रहे हैं, जिसमें एम्बेडेड अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप एवं उद्योग भागीदारों के साथ बातचीत के माध्यम से छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुभवों के साथ तैयार किया जा रहा है. हमारे छात्र अनुभव प्राप्त करने के लिए अपनी डिग्री की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं, उद्योग के सहयोग के साथ वे पहले से ही वास्तविक कार्य वातावरण के हाव -भाव  सीख रहे हैं. 

उद्योगपतियों के साथ बातचीत का मौका

DSEU के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) नेहारिका वोहरा ने कहा, 'आइए हम सभी एक सेकंड का समय लेकर इस बात पर गौर करें की उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालय, उद्योग एवं  समुदाय का एक सहयोगी प्रयास बनाने की स्पष्ट आवश्यकता है. यदि हम एक विश्वविद्यालय के रूप में सिर्फ किताबों के साथ पढ़ाते रहें एवं अपने छात्रों को वास्तविक दुनिया के लिए तैयार न करें, और अगर उद्योग प्रतिभा एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी के बारे में शिकायत करता रहता है तो अकादमिक और उद्योग दोनों को जिम्मेदारी स्वीकार करने और यह देखने की जरूरत है कि हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं. यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि छात्रों को वह पढ़ाया जा रहा है, जो 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक है. मैं छात्रों को उद्योग जगत के लोगों के साथ जोड़ने एवं उनकी जरूरतों के अनुसार सीखने का अवसर प्रदान करने से बेहतर तरीके के बारे में नहीं सोच सकती.'

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उन्होंने यह भी साझा किया, 'सभी कार्यक्रमों में उद्योग के सहयोग के साथ, हमारे छात्र समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जैसा कि नई शिक्षा नीति में भी जोर दिया गया है. मैं अपने सभी 80+ उद्योग भागीदारों का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जो युवाओं को प्रासंगिक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करने के दृष्टिकोण को साझा करते हैं एवं पाठ्यक्रम विकास, अनुभवात्मक शिक्षा, उद्योग के दौरे आदि में हमारा समर्थन कर रहे हैं.'

ये अतिथि रहे मौजूद 

इस कार्यक्रम की शुरुआत फ्यूचर ऑफ स्किलिंग - एंगेजमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड एकेडमिया पर एक पैनल चर्चा के साथ हुई, जिसमें सम्मानित पैनलिस्ट में इन्फो एज के सह-संस्थापक संजीव बिखचंदानी, ONGC के पूर्व CMD डॉ. अलका मित्तल, पाथ काइंड लैब्स के एमडी और CEO संजीव वशिष्ठ, CBRE के एमडी राजेश पंडित, आई.आई.एम. अहमदाबाद के  प्रोफेसर ऑफ़ स्ट्रेटेजी डॉ. अमित कर्ण ने भाग लिया. 

पैनलिस्टस ने विश्वविद्यालयों को एक प्रतिभा केंद्र एवं नवोदित उद्यमियों के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में, अकादमिक आदानों को समृद्ध करने में उद्योग की भूमिका (सह-नवाचार, संयुक्त अनुसंधान और उत्पाद विकास), डिप्लोमा स्नातकों और कुशल स्नातकों से स्वीकृति और अपेक्षाओं, विश्वविद्यालय और उद्योग को छात्रों को च्वाइस मेकिंग, समस्या समाधान और खुद में निवेश करने की तैयारी में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर विचार साझा किए.

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डॉ. नीता प्रधान दास ने दिल्ली के युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षी बनाने में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए सभी पैनलिस्टस, उद्योग जगत के सदस्यों एवं विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया. 

 

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