रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी के भाई Anil Ambani का आज जन्मदिन है. 4 जून 1959 को जन्मे अनिल अंबानी 64 साल के हो गए हैं. एक समय था जब वे दुनिया में सबसे अमीर लोगों में शामिल थे, लेकिन आज कारोबार में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी एक कंपनी रिलयांस कैपिटल की दूसरे दौर की बोली पूरी हो चुकी है और इसे खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप ने 9,650 करोड़ रुपये की पेशकश की है. हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स रिलायंस कैपिटल ने इसे खरीदने के लिए अग्रिम नकद प्रस्ताव दिया है. आइए जानते हैं कि अनिल अंबानी के पास अब कौन-कौन सा कारोबार बचा है?
अनिल अंबानी को मिले थे ये कारोबार
सबसे पहले बात कर लेते हैं अनिल अंबानी के कारोबार की, तो बता दें दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) द्वारा रिलायंस ग्रुप स्थापना 1958 में की गई थी और आज इसका डंका दुनियाभर में बज रहा है. साल 2002 में उनके निधन के बाद देश के इस बड़े कारोबारी घराने में बंटवारा हुआ और धीरूभाई के दोनों बेटों के बीच कारोबार को बांटा गया. बड़े बेटे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को पुराने बिजनेस से संतोष करना पड़ा, जिनमें पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल रिफाइनरी, तेल-गैस कारोबार शामिल था. तो वहीं छोटे बेटे अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खाते में नए जमाने के बिजनेस आए. उन्हें टेलीकॉम, फाइनेंस और एनर्जी बिजनेस सौंपा गया.
नए जमाने के कारोबार, फिर भी रहे असफल
Anil Ambani के पास टेलीकॉम, पावर और एनर्जी बिजनेस का ऐसा कारोबार था, जो नए जमाने में सफलता की गारंटी माना जा रहा था. इन सेक्टर्स में वे देश का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते थे और उन्होंने कई महत्वकांक्षी योजनाएं बनाईं, लेकिन विभिन्न कारणों की वजह से उन्हें फायदे की जगह भारी नुकसान झेलना पड़ा. हालांकि, शुरुआती दौर में अनिल अंबानी की कंपनियों ने शानदार सफलता हासिल की और इसकी दम पर साल 2008 में अनिल अंबानी दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में छठे पायदान पर पहुंच गए थे. बढ़ते कर्ज और घटती कमाई के चलते वे इस मुकाम पर काबिज नहीं रह सके.
Reliance Infra
रिलयांस कैपिटल के अलावा अनिल अंबानी के अन्य कारोबारों की बात करें तो रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है. इसे रिलायंस एनर्जी लिमिटेड (Reliance Energy Limited) के रूप में भी जाना जाता है. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड प्राइवेट सेक्टर इंटरप्राइज है, जो ऊर्जा उत्पादन, रक्षा, निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर्स में सक्रिय है. अनिल अंबानी की इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4.75 लाख करोड़ रुपये है.
Reliance Communication
रिलायंस कम्युनिकेशन भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर नेटवर्क प्रोवाइडर के रूप में मशहूर है, लेकिन फरवरी 2019 में ये कंपनी पूरी तरह से बैंकरप्ट हो गई थी. कंपनी का मुख्यालय नवी मुंबई में है और इस कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन (RCom Market Cap) 352 करोड़ रुपये है.
Reliance Naval and Engineering Ltd
अनिल अंबानी की यह कंपनी नेवल डिफेंस एंड इंजीनियरिंग है, जिसपर बैंकों का भारी कर्ज है. स्वान एनर्जी के नेतृत्व वाली हेज़ल मर्केंटाइल कंसोर्टियम अनिल अंबानी की कंपनी को खरीदने की रेस में सबसे आगे है और इसने 2,700 करोड़ रुपये की बोली लगाई है.
Reliance Power
रिलायंस पावर को पहले रिलायंस एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, जो भारत और दुनिया में पावर प्रोजेक्ट्स को स्टेबलिश करने, बनाने, चलाने और उसे मेंटेन करने का काम करती है. कंपनी के पास भारत के प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा पावर प्रोजेक्ट्स हैं जो थर्मल और रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित हैं. 2019 में कंपनी का रेवेन्यू 768.73 करोड़ रुपये था. इस कंपनी पर भी भारी-भरकम कर्ज है.
Reliance Home Finance
अनिल अंबानी की ये कंपनी दरअसल, बिकने जा रही Reliance Capital का ही हिस्सा है. इसकी स्थापना साल 2009 में की गई थी. कंपनी होम फाइनेंस के क्षेत्र में कर्यरत है. इस कंपनी के मार्केट कैप की बात करें तो ये करीब 157 करोड़ रुपये है.