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इस कंपनी में हिस्सेदारी बेच सकता है अडानी ग्रुप, कर्ज चुकाने का भारी दबाव!

अडानी ग्रुप अपने निवेशकों के भरोसे को बरकरार रखने के लिए तमाम कोशिशें कर रहा है. समूह अब अपने कर्ज को चुकाने के लिए अंबुजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेच सकता है. इसके लिए उसने इंटरनेशनल लेंडर्स से बातचीत की है.

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अडानी ग्रुप इस कंपनी में बेचेगा अपनी हिस्सेदारी.
अडानी ग्रुप इस कंपनी में बेचेगा अपनी हिस्सेदारी.

कर्ज चुकाने के लिए अडानी ग्रुप (Adani Group) बड़ा फैसला ले सकता है. खबर है कि कर्ज को कम करने के लिए अडानी ग्रुप अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (Ambuja Cements Limited) में अपनी 4 से 5 फीसदी हिस्सेदारी में बेच सकता है. हिस्सेदारी की कीमत 450 मिलियन डॉलर (3,680 करोड़ रुपये) बताई जा रही है. अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. समूह लगातार अपने निवेशकों के भरोसे को बहाल करने के लिए कदम उठा रहा है. 

अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स में 4 से 5 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने के लिए इंटरनेशनल कर्जदाताओं से अनुरोध किया है. हालांकि, अडानी ग्रुप की तरफ से इसको लेकर आधिकारिक रूप से किसी भी तरह का बयान फिलहाल नहीं जारी किया गया है. अंबुजा सीमेंट्स में अडानी ग्रुप की 63 फीसदी हिस्सेदारी है. समूह ने पिछले साल ही 10.5 अरब डॉलर की डील में इस सीमेंट कंपनी का अधिग्रहण किया था. 

कर्ज को कम करने की कोशिश

अगर ये डील आगे बढ़ती है, तो संकट के दौर से गुजर रहे अडानी समूह की ये पहली संपत्ति बिक्री होगी. अडानी ग्रुप लगातार अपने कर्ज को कम करने की कोशिश में जुटा हुआ है. इस हफ्ते की शुरुआत में ब्लूमबर्ग ने बताया कि अडानी समूह ने 9 मार्च को 500 मिलियन डॉलर का ब्रिज लोन चुका दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कर्ज को अडानी ग्रुप ने एसीसी लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने के लिए लिया था. 

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शेयरों में गिरावट

शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयर 1.74 फीसदी की गिरावट के साथ 378.00 पर बंद हुए. बीते दिन ये स्टॉक 380.00 रुपये पर ओपन हुआ और 382.35 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंचा और इसका लो 373.40 रुपये रहा. इस स्टॉक का 52 वीक का हाई 598.00 रुपये है और लो लेवल 288.50 रुपये है. हिंजनबर्ग की रिपोर्ट के बाद ये स्टॉत भी टूटा था. लेकिन इसने रिकवरी की है. 

हिंडनबर्ग ने दिया जोरदार झटका

हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को पब्लिश अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेल फर्मों के माध्यम से स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. 24 जनवरी को प्रकाशित रिपोर्ट ने अडानी के शेयरों में भारी उथल-पुथल मचा दी. इस वजह ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) में लगभग 60-70 प्रतिशत की गिरावट आ गई थी. मुश्किल दौर से गुजर रहे अडानी ग्रुप की कंपनियों में बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Parteners) ने बड़ा दांव लगाते हुए 15,446 करोड़ रुपये निवेश किया. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों ने जोरदार उड़ान भरी है.

 

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