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50 ग्राम सोने से भी महंगा है ये मसाला, पहलगाम हमले के बाद तेजी से बढ़ रही कीमत!

अटारी बॉर्डर बंद होने के बाद से अफगानिस्‍तान से इस मसाले का आयात नहीं हो पा रहा है, जिससे केवल 4 दिनों में ही इसकी कीमत में 10 फीसदी की तेज बढ़ोतरी हो गई है.

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केसर के दाम में तेज बढ़ोतरी
केसर के दाम में तेज बढ़ोतरी

10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव (Gold Rates) आए दिन रिकॉर्ड बना रहा है. कुछ दिन पहले ही सोने का भाव 1 लाख रुपये के पार पहुंच गया था और अब 96000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर आ चुका है.  वहीं 1 किलो चांदी की कीमत (Silver Price) भी 96000 रुपये के ऊपर बनी हुई है. MCX पर 10 ग्राम सोने का भाव 5 जून वायदा के लिए 95160 रुपये पर कारोबार कर रहा है. इस बीच, एक चीज की कीमत तेजी से बढ़ रही है. 

दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर के माध्‍यम से व्‍यापार बंद (Ind-Pak Trade) करने के बाद केसर की कीमतें करीब 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं, जो 50 ग्राम सोने की कीमत से भी ज्‍यादा है. 

क्‍यों इतना महंगा हुआ केसर? 
केसर के दाम में इसलिए बढ़ोतरी हो रही है, क्‍योंकि भारत के लिए इसका आयात प्रभावित हुआ है. अटारी बॉर्डर बंद होने के बाद से अफगानिस्‍तान से केसर का आयात नहीं हो पा रहा है, जिससे केवल 4 दिनों में ही इसकी कीमत में 10 फीसदी की तेज बढ़ोतरी हो गई है. इकोनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्‍तान से केसर का शिपमेंट (Saffron from Afghanistan) रुक गई है.  

55 टन केसर की भारत में खपत 
रिटेल सेलर और होलसेल सेलर आपूर्ति नहीं हो पाने से परेशान हैं. खास तौर पर उच्च गुणवत्ता वाले केसर (Saffron Price), जो पाकिस्तान के रास्‍ते बंद हो चुके जमीनी रास्ते से भारत में आ रहा था. भारत में हर साल करीब 55 टन केसर की खपत होती है. इसका एक हिस्सा कश्मीर से आता है, जो अपने बेहतरीन केसर के लिए जाना जाता है, जबकि इसका एक बड़ा हिस्सा ईरान और अफगानिस्तान से आयात किया जाता है. 

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ईरानी केसर के बढ़े दाम
अफगान केसर को खास तौर पर उसके गहरे रंग और सुगंध के लिए जाना जाता है, जबकि ईरानी केसर ज्‍यादा किफायती विकल्प है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान आपूर्ति बंद होने से ईरानी केसर की कीमत (Saffron Rates) भी 5% बढ़ गई है. केसर के बाजार में आमतौर पर तीन प्रमुख किस्में उपलब्ध होती हैं.

  • मोंगरा (कश्मीरी) - गहरा लाल रंग, सबसे मजबूत स्वाद और सबसे अधिक कीमत
  • लाचा (कश्मीरी) - इसमें शैली के कुछ हिस्से शामिल हैं, जिनकी ताकत थोड़ी कम है
  • पुशल (अफगान, ईरानी) - हल्के रंग के बाल, कुछ पीले रंग के साथ, अधिक किफायती

और बढ़ सकती है केसर की कीमत? 
कश्मीर से घरेलू फसल केवल देर से शरद ऋतु में चरम पर होती है और वर्तमान कमी आगामी शादी और त्यौहार के मौसम के दौरान कीमतों को और भी अधिक बढ़ा सकती है. इकोनॉमिक टाइम्‍स के मुताबिक, यह दुनिया का सबसे नाजुक मसाला है, जिसकी कीमत भारत-पाकिस्‍तान तनाव के कारण और बढ़ सकती है. 

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