प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का पहला रेल बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि यह एक विकासपरक बजट होगा और इसमें धन जुटाने की वैकल्पिक रणनीतियों का खुलासा होगा. यात्री किराये से होने वाली आय की सुस्त वृद्धि के बीच उम्मीद है कि रेल मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा आय बढ़ाने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव रखेंगे.
ंमाना जा रहा है कि बजट में बुलेट ट्रेनों और रेेलवे के कुछ क्षेत्रों में एफडीआई का बड़ा ऐलान हो सकता है. रेल बजट लोकसभा में दोपहर 12 बजे और राज्यसभा में दोपहर 2 बजे पेश किया जाएगा. पिछली बार अंतरिम रेल बजट पेश करते हुए तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1.65 लाख करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा था. इसमें 1.06 लाख करोड़ माल ढुलाई से और 45,255 करोड़ रुपये यात्री किराए और शेष अन्य मदों से कमाने का लक्ष्य था.
विशेषज्ञों के मुताबिक बजट में किराया वृद्धि को जारी रखकर वित्तीय स्थिरता लाई जाएगी और सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिए अधोसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए राशि जुटाई जाएगी.
देश में केपीएमजी के अधोसंरचना और प्रशासन साझेदार, जयजीत भट्टाचार्य ने कहा, 'रेलवे को अपनी संपत्तियों से धन हासिल करने की जरूरत है और पीपीपी मॉडल के जरिए भी पैसे जुटाने की जरूरत है.'
नई सरकार ने पहले ही यात्री किराया 14.2 फीसदी और माल ढुलाई शुल्क 6.5 फीसदी बढ़ा दिया है, लेकिन इसे लंबी अवधि में मुनाफा देने वाली कई परियोजनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से और अधिक राशि जुटाने की जरूरत है. माना जा रहा है कि सेवा में सुधार के लिए मंत्री कुछ साहसिक कदम उठाएंगे.
महानगरों को तेज रफ्तार रेलगाड़ियों से जोड़ने की 'हीरक चतुर्भुज' योजना के बारे में भी बजट में कुछ खुलासे की उम्मीद की जा रही है, जिसके बारे में मोदी पहले कह चुके हैं.
गौरतलब है कि रेल बजट पेश होने से एक दिन पूर्व रेल से सबंधित कई कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई.