वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई को मोदी 3.0 का पहला बजट पेश किया. इस बीच, उन्होंने कई बड़े ऐलान किए, जिसमें टैक्स रेट में बदलाव और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाना शामिल है. उन्होंने यह बदलाव न्यू टैक्स रिजीम के तहत किया, जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम को लेकर कोई छूट नहीं दी गई. गुरुवार को आजतक से बजट को लेकर बातचीत में वित्त मंत्री ने बताया है कि आखिर क्यों Old Tax Regime में छूट नहीं बढ़ाई गई?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को कहा कि यह बजट मिडिल क्लास को राहत देने वाला बजट रहा है. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रेट और स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को कम करके मिडिल क्लास को राहत दी गई है. इसके अलावा, छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन पर सब्सिडी का भी ऐलान किया गया है. ऐसे में यह एक बड़ी राहत है.
क्यों नहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में मिली छूट?
टैक्स छूट के एक सवाल पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सिर्फ टैक्स में छूट देकर बड़ी राहत नहीं, बल्कि चौतरफा छूट दे रहे हैं. टैक्स को कम करने में हम हमेशा से कोशिश करते आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में टैक्स कम करना हमने ठीक नहीं समझा. इसलिए हम न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) लेकर आए और आगे इसमें छूट आगे भी बढ़ाते रहेंगे.
कमाई कर रहे हैं तो टैक्स देना जरूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोगों को टैक्स देनदारी के प्रति अपना फर्ज निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स दें. इसके लिए टीडीएस, टीसीएस जैसी चीज लाई गई, क्योंकि जब आप ये क्लेम करने जाते हैं तो आप टैक्स के दायरे में आते हैं.
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ऐसे हैं, जो टैक्स के दायरे में नहीं आते, लेकिन महंगी गाड़ी और लग्जरी चीजें अर्फोड करते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर आप अच्छी कमाई कर रहे हैं तो टैक्स देकर देश के प्रति अपने कतर्व्य को निभाना चाहिए.