एनडीए सरकार (NDA Govt) अब केंद्रीय बजट 2024 (पूर्ण बजट) की तैयारी में जोर-जोश से जुटी है. हालांकि अभी Budget 2024 पेश किए जाने की तारीख स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि इस महीने 22 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) इसे संसद में पेश कर सकती हैं. इस बार के बजट में हर किसी को काफी उम्मीदें हैं और इसमें कैपिटल गेन टैक्स में राहत भी शामिल है. आइए जानते हैं कि इसे लेकर वित्त मंत्रालय की ओर क्या संकेत मिल रहे हैं?
कैपिटल गेन टैक्स पर ये संकेत
Modi 3.0 का आम बजट पेश होने वाला है. लेकिन कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) में राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को इस बार भी निराशा हाथ लग सकती है. बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था की समीक्षा और सरलीकरण की संभावना फिलहाल नहीं है. केंद्रीय बजट 2024-25 में इस प्रस्ताव को शामिल नहीं किया जा सकता है.
इसमें कहा गया है कि उद्योग और एक्सपर्ट्स विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था की व्यापक समीक्षा और उसे युक्तिसंगत बनाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, संकेत ऐसे मिल रहे हैं कि सरकार फिलहाल इस तरह की कवायद करने और मौजूदा क्लासिफिकेशन में बदलाव करने की इच्छुक नहीं है.
लंबे समय से मांग, फिलहाल उम्मीद नहीं
रिपोर्ट में इस मामले से परिचित एक व्यक्ति के हवाले से कहा गया है कि यह एक बहुत बड़ी कवायद है, जिसका विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों और इन्वेस्टमेंट पर प्रभाव पड़ेगा. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इसकी मांग रही है, लेकिन अभी इसकी योजना नहीं बनाई जा रही है और इसे बाद में शुरू किया जा सकता है. वर्तमान में कैपिटल गेन टैक्स लॉन्गटर्म और शॉर्ट टर्म बेसिस पर लगाया जाता है, जो होल्डिंग अवधि पर निर्भर करता है और विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के लिए अलग-अलग होता है. यह टैक्स शेयर (Stocks), म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और पूंजीगत परिसंपत्तियों पर लगाया जाता है.
उद्योग निकायों ने की है ये मांग
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट-पूर्व चर्चा (Pre-Budget Meeting) में यह मुद्दा उठाया गया है, लेकिन बजट में इस पर कोई प्रस्ताव आने की संभावना नहीं है. उद्योग निकाय फिक्की (FICCI) ने अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में एलटीसीजी कर दर और एसटीसीजी कर दर के संदर्भ में पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को सरल बनाने की अपील की है. EY India ने भी इस टैक्स को सरल बनाने का आह्वान करते हुए कहा है कि इसकी संरचना में जटिलता के बारे में सोचा जाना चाहिए.
क्या है और कहां लगता है कैपिटल गेन टैक्स
आयकर (Income Tax) कानून के मुताबिक, Capital Gains Tax चल और अचल दोनों संपत्तियों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर देय होता है. इक्विटी, लोन और रियल एस्टेट पर कैपिटल गेन टैक्स अलग-अलग दरों और अवधियों के अनुसार लागू होता है, जो यह समझने में मददगार होता है कि आखिर लाभ अल्पकालिक है या दीर्घकालिक.