1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया. इस बजट में टैक्सपेयर्स के लिए कई बड़े ऐलान किए गए. इसी के तहत एक खास योजना की शुरुआत की गई है और इस योजना की डेडलाइन 30 जून 2020 है. आइए जानते हैं क्या है ये योजना..
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दरअसल, बजट में डायरेक्ट टैक्स विवादों के समाधान के लिए एक नयी योजना 'विवाद से विश्वास' आयी है. इस योजना के तहत टैक्सपेयर 31 मार्च तक टैक्स का भुगतान कर ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट ले सकते हैं.
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मतलब ये कि अगर टैक्स चोरी या कोई अन्य मामले में आप कानूनी पचडे़ में फंसे हैं तो आयकर विभाग आपको एक मौका देगा. इसके तहत सिर्फ विवादित टैक्स की मूल राशि का भुगतान करने की जरूरत होगी.
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वहीं ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट मिलेगी. यह योजना 31 मार्च 2020 तक के लिए है. जो लोग इस योजना को 31 मार्च 2020 के बाद अपनाएंगे, उन्हें कुछ अतिरिक्त रकम देनी होगी. योजना की आखिरी डेडलाइन 30 जून 2020 है.
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यहां बता दें कि वर्तमान में विभिन्न अपीलीय निकायों में डायरेक्ट टैक्स से जुड़े 4.83 लाख मामले लंबित हैं. ये मामले आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और शीर्ष न्यायालय में चल रहे हैं.
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क्या होता है डायरेक्ट टैक्स?
जो टैक्स सरकार आपसे आपकी कमाई के ऊपर वसूलती है, उसे डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) कहते हैं. यानी आपने कमाई की है तो आपको यह टैक्स देना है और अगर कमाई नहीं की है तो टैक्स नहीं देना है.
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चालू वित्त वर्ष में सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी उम्मीद के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन नहीं हो सका है. यही वजह है कि सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत की है.