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बजट

LIC का हिस्सा बिकेगा, जानें-पॉलिसी धारकों को फायदा या नुकसान?

LIC का हिस्सा बिकेगा, जानें-पॉलिसी धारकों को फायदा या नुकसान?
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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का स्लोगन है, 'जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी'. लेकिन जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया कि LIC में सरकार अपनी हिस्सेदारी कम करेगी, यानी बेचेगी. इस ऐलान के बाद से उन लोगों के मन में सबसे ज्यादा सवाल हैं, जिन्होंने एलआईसी की पॉलिसी ले रखी है. वो जानना चाहते हैं कि सरकार के इस फैसले से उनपर क्या असर होगा. (Photo: File)
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दरअसल आज के दौर में आपको गांव-गांव में एलआईसी के एजेंट मिल जाएंगे. लोग एलआईसी को निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया मानते हैं. ऐसे में निवेशक फिलहाल घबराए हुए हैं. क्योंकि बजट के बाद सबसे ज्यादा चर्चा सरकार के इसी एक फैसले को लेकर हो रही है. इस बड़े फैसले पर राजनीति भी जमकर होगी. (Photo: File)
LIC का हिस्सा बिकेगा, जानें-पॉलिसी धारकों को फायदा या नुकसान?
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मोदी सरकार के लिए बीते दो साल आर्थिक मोर्चे पर मुश्किल भरे रहे हैं. पिछला एक साल तो सरकार के पूरा जोर लगाने के बाजवूद भी हालात और बेकाबू हो गया. अब सरकार की रणनीति यह कहती है कि हर सेक्टर में गिरती खपत को किसी तरीके से बढ़ाया जाए. रियायतों के जरिए फिर से निवेश को प्रोत्साहित किया जाए. खपत और निवेश बढ़ेगा तो फिर आर्थिक चाल भी तेज होगी. (Photo: File)
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इस कड़ी में अब मोदी सरकार ने एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी कम करने का ऐलान किया है. जानकार बताते हैं कि सरकार की इस पहल से निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी जिसने भी एलआईसी की पॉलिसी ले रखी है, उन्हें किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है. यही नहीं, LIC के IPO में निवेश करना भी एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प होगा. (Photo: File)
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एलआईसी के बारे में
भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. 1956 में स्थापित LIC की कुल संपत्ति इस वक्त करीब 36 लाख करोड़ रुपये की है. एलआईसी अभी तक पूरी तरह से सरकारी कंपनी है और सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. (Photo: File)
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विनिवेश के लक्ष्य पर फोकस
अब 100 फीसदी हिस्सेदारी में सरकार एक हिस्सा बेचने के लिए शेयर बाजार में IPO लाएगी. इस IPO के जरिए मोदी सरकार का 72 हजार करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है. इससे सरकार अपने विनिवेश के लक्ष्य और वित्तीय घाटे को कम रखने के लक्ष्य को पूरा कर सकेगी. (Photo: File)
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भारतीय शेयर बाजार में एलआईसी सालाना औसतन 55 से 65 हजार करोड़ रुपये निवेश करती है. वित्त वर्ष 2018-19 में एलआईसी ने बाजार में 68,621 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. एलआईसी ने शेयरों में निवेश से 23,621 करोड़ का मुनाफा कमाया. (Photo: File)
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वित्त वर्ष 2018-19 में एलआईसी का कुल निवेश 28.74 लाख करोड़ रुपये था. इसके साथ ही इसकी कुल संपत्ति बढ़कर 31.11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई थी. इस अवधि में प्रीमियम से आयकर बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई. कंपनी की कुल कमाई 5.60 लाख करोड़ के करीब रही. (Photo: File)
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एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के पीछे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तर्क है कि सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है. फिलहाल LIC की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है. बता दें, सरकार का लक्ष्य है कि सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 35 फीसदी करना है.
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गौरतलब है कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विनिवेश के लक्ष्य को बढ़ाकर 2.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे पहले 2019-20 में विनिवेश के जरिये 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. लेकिन सितंबर 2019 तक सिर्फ 12,359 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है. सरकार ने हाल ही में एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया है. 17 मार्च तक एयर इंडिया के लिए बोली जमा की जा सकती है. (Photo: File)
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एलआईसी कर्मचारियों की हड़ताल
वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के उस बजटीय प्रस्ताव के खिलाफ चार फरवरी को एक घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है, जिसमें उन्होंने एलआईसी में सरकार की एक हिस्सेदारी बेचने की बात कही है. कर्मचारियों को कहना है कि एलआईसी के आंशिक विनिवेश के प्रस्ताव राष्ट्रहित के खिलाफ है. (Photo: File)
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