बीते शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया. इस बजट से रियल एस्टेट सेक्टर में निराशा का माहौल है. हालांकि, नया घर खरीदने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी गई है.
सस्ते मकानों के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपये के अतिरिक्त टैक्स छूट को मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. पहली बार ये छूट 5 जुलाई 2019 को पेश हुए आम बजट में दी गई थी. इससे पहले होम लोन पर सिर्फ 2 लाख रुपये की टैक्स छूट थी.
बहरहाल, सरकार के इस फैसले से आम लोगों को अगले एक साल तक नए घर के लिए होम लोन पर 3.50 लाख रुपये की छूट मिलती रहेगी. लेकिन सवाल है कि ये टैक्स छूट क्या है और इसका आपको कैसे फायदा मिलेगा. आइए, उदाहरण से समझते हैं...
मान लीजिए कि सालाना 10 लाख की कमाई करने वाले रमेश ने दिल्ली में 40 लाख रुपये का घर खरीदा है. इस घर के लिए रमेश ने एसबीआई से 7.90 फीसदी की ब्याज दर पर 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है. अब वह इनकम टैक्स रिटर्न में होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज का हिसाब दे सकता है. इसका फायदा यह होगा कि रमेश को 3.50 लाख रुपये (पहले का 2 लाख + 2019 से मिल रही 1.50 लाख ) की छूट मिलेगी.
आसान भाषा में समझें तो रमेश अपने टैक्सेबल इनकम में से 3.50 लाख रुपये की छूट ले सकता है. हालांकि, रमेश को इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर होम लोन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे. इसके बाद ही वह फायदा उठा सकता है.
यहां आपको बता दें कि कोई व्यक्ति मकान खरीदने के लिए होम लोन लेता है तो
आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत इस लोन के मूलधन और ब्याज दोनों के
री-पेमेंट पर टैक्स बचाने की सुविधा मिलती है.
हालांकि इसका फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. मसलन, यह छूट 45 लाख रुपये तक के घर के होम लोन पर ही मिलेगी. इस होम लोन की समयावधि अधिकतम 15 साल होना अनिवार्य है. वहीं खरीदार के नाम पहले से कोई दूसरी प्रॉपर्टी भी नहीं होनी चाहिए.
सबसे खास पहलू यह है कि इस स्कीम का लाभ मार्च, 2021 तक लिए गए होम लोन पर ही उठाया जा सकता है. ऐसी उम्मीद है कि इसका सबसे अधिक फायदा छोटे शहरों या टियर-2 और टियर-3 सिटी में मकान के खरीदारों को मिलेगा. वहीं टियर-1 या मेट्रो शहरों में इसका फायदा सीमित होगा, क्योंकि इन शहरों में मकानों की कीमतें काफी ज्यादा है.