बिहार (Bihar) में जेडीयू के मुखिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के एनडीए (NDA) में आने के बाद माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी का यह मास्टर स्ट्रोक है. राजनीतिक विश्वेषकों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी विपक्ष का पत्ता साफ होना तय है.इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती है कि नीतीश कुमार के आने से बिहार में बीजेपी मजबूत हुई है. पर इसमें भी कोई 2 राय नहीं है कि एनडीए की मुश्किलें यहां पर दोगुनी हो गईं हैं जो समय परअगर नहीं सुलझाईं गईं तो बीजेपी को लेने के देने भी पड़ सकते हैं.एनडीए अब 2019 वाली नहीं है. जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) की महत्वाकांक्षाओँ को अगर बीजेपी शांत नहीं कर सकी तो नीतीश कुमार का दांव उल्टा पड़ सकता है.