यह रिपोर्ट बिहार की राजनीति और अपराध के उस काले दौर का विश्लेषण करती है, जब पश्चिमी चंपारण को 'मिनी चंबल' के नाम से जाना जाता था. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडे जैसे नेताओं और डाकुओं के बीच कथित गठजोड़ का खुलासा किया गया है, जिसमें बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सुधांशु से जुड़ी चौंकाने वाली घटनाएं भी शामिल हैं. उस समय दियारा इलाके में डाकुओं का वर्चस्व था, जिन्होंने बाद में नेताओं के संरक्षण में बूथ कब्जाने और अपहरण को एक संगठित उद्योग का रूप दे दिया.