बिहार के जमुई जिले से एक सच्ची प्रेम कहानी सामने आई है, जो हीर-रांझा और लैला-मजनूं की कहानियों से कम नहीं है. यह कहानी है नीरज और सुमित्रा की है जिनका प्यार समर्पण, साहस और विश्वास की मिसाल बन चुका है.
नीरज और सुमित्रा दोनों झाझा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. दो साल पहले इंस्टाग्राम पर दोनों की पहचान हुई जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. लेकिन जब सुमित्रा के परिजनों को इसका पता चला, तो उन्होंने सुमित्रा को गुजरात के वापी शहर भेज दिया. नीरज ने हार नहीं मानी और नवंबर 2024 में वो 2500 किलोमीटर दूर वापी पहुंच गया. वहां, नौकरी की फिर एक कमरा लेकर रहने लगा. सुमित्रा भी छह महीने से उसके साथ लिव-इन में रह रही थी.
नीरज और सुमित्रा की प्रेम कहानी ने जीता दिल
इसी दौरान 21 अप्रैल को फैक्ट्री में काम करते वक्त नीरज का दाहिना हाथ कट गया. उस मुश्किल समय में जब कोई साथ नहीं था, तब सुमित्रा ने उसका इलाज करवाया, सेवा की और साथ निभाने का वादा किया.
दोनों ने जिंदगी भर साथ रहने की कसमें खाईं
नीरज के घर लौटने पर सुमित्रा भी साथ चलने की जिद पर अड़ गई. बहन के विरोध और रोके जाने के बाद भी वह नीरज के साथ जमुई लौट आई. बुधवार को दोनों ने मंदिर में सात फेरे लिए और गुरुवार को कोर्ट मैरिज कर ली. इस पर नीरज का कहना है कि जब मेरा हाथ कटा तब भी सुमित्रा ने साथ नहीं छोड़ा, अब जीवन भर साथ रहेगी. वहीं सुमित्रा का कहना है कि हमने वादा निभाया, अब कभी अलग नहीं होंगे.