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'मां और बहन पर लांछन बर्दाश्त नहीं...', रोहिणी आचार्य किडनी विवाद पर बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि रोहिणी का टिकट पाने या किसी को टिकट दिलवाने में कोई स्वार्थ नहीं रहा. वह हमेशा से पार्टी को आगे बढ़ाने में रही हैं. उन्होंने शुरू से ही हमारा साथ दिया है. ना टिकट पाना, ना किसी को दिलवाना, ना राज्यसभा और ना लोकसभा. उनकी कभी कोई इच्छा नहीं रही. 

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किडनी विवाद पर क्या बोले तेजस्वी यादव (Photo: PTI)
किडनी विवाद पर क्या बोले तेजस्वी यादव (Photo: PTI)

बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति की धार भी तेज हो गई है. इस बीच रोहिणी आचार्य द्वारा पिता लालू यादव को किडनी डोनेट किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. इस पर अब तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. लेकिन हम इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाते. हमारा ध्यान सिर्फ बिहार के विकास पर है. रोहिणी दीदी मेरी बड़ी बहन है. उन्होंने हमें पाला-पोसा और बड़ा किया है. उन्होंने जो कुर्बानी दी है, वह आज के समय में बिरले ही देखने को मिलता है. उन्होंने मेरे पिता को अपनी किडनी दान की. छपरा के लोग चाहते थे कि उन्हें यहां से टिकट मिले. लालू जी ने लोगों की मांगों और पार्टी कार्यकर्ताओं के सुझावों को सुना और उन्हें टिकट दिया. रोहिणी ने हमेशा पार्टी को मजबूत करने का काम किया है और हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है.

तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने कार्यकर्ताओं और लोगों की बातों को सुनकर ही रोहिणी को इस सीट से टिकट दिया. रोहिणी दीदी की राजनीति में आने की कोई लालसा नहीं थी. उनकी टिकट पाने या किसी को टिकट दिलवाने की कोई लालसा नहीं थी. इससे पहले भी सम्राट चौधरी ने एक बेहद बेहूदा बयान दिया था. क्या ये लोग माई-बहन की इज्जत करने वाले लोग हैं. इतनी बड़ी कुर्बानी देने वालों को लालू जी किडनी लेकर टिकट दे रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि एक बाप और बेटी के रिश्ते पर इस तरह लांछन लगाना बीजेपी की संस्कृति है. रोहिणी ने हमेशा से पार्टी को मजबूत करन में आगे बढ़ाने में योगदान दिया है. जो लगो इस तरह बहनों पर उंगली उठा रहे हैं. वह बर्दाश्त करने के बाहर है. किसी की मां पर इस तरह लांछन लगाने की कोई जरूरत नहीं है. मैं एक बार फिर साफ कर दूं कि रोहिणी की टिकट पाने या किसी को टिकट दिलवाने में कोई स्वार्थ नहीं रहा. वह हमेशा से पार्टी को आगे बढ़ाने में रही हैं. उन्होंने शुरू से ही हमारा साथ दिया है. हमारे साथ रही है. वह जो कर सकती थी, उन्होंने किया. ना टिकट पाना, ना किसी को दिलवाना, ना राज्यसभा और ना लोकसभा. उनकी कभी कोई इच्छा नहीं रही. 

तेजस्वी ने कहा कि इससे पहले भी सम्राट चौधरी ने एक बेहद बेहूदा बयान दिया था. क्या ये लोग माई-बहन की इज्जत करने वाले लोग हैं. इतनी बड़ी कुर्बानी देने वालों को लालू जी किडनी लेकर टिकट दे रहे हैं. एक बाप और बेटी के रिश्ते पर इस तरह लांछन लगाना बीजेपी की संस्कृति है. रोहिणी ने हमेशा से पार्टी को मजबूत करन में आगे बढ़ाने में योगदान दिया है. जो लगो इस तरह बहनों पर उंगली उठा रहे हैं. वह बर्दाश्त करने के बाहर है. किसी की मां पर इस तरह लांछन लगाने की कोई जरूरत नहीं है. 

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बता दें कि रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को पांच दिसंबर 2022 को किडनी दान की थी. यह ट्रांसप्लांट सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में सफलतापूर्वक हुआ था, जहां रोहिणी ने अपनी एक किडनी दान की थी.

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