बिहार के मोतिहारी में पुलिस ने ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह देश के विभिन्न राज्यों के युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी कर रहा था. मोतिहारी पुलिस ने छोटा बरियारपुर में स्थित एक मकान और कॉलोनी में छापा मारा. यहां से 90 से अधिक युवाओं को गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया. साथ ही इस गिरोह के स्थानीय मास्टरमाइंड सहित करीब एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस का कहना है कि गिरोह दूसरे राज्यों से युवाओं को नौकरी का झांसा देकर मोतिहारी बुलाता था. युवाओं को नौकरी देने से पहले 12 से 25 हजार रुपये जमा करवाए जाते थे. इसके बाद उन्हें नेटवर्किंग कंपनी के नाम पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता और उनके प्रोडक्ट बेचने को कहा जाता था. युवाओं को केवल उनके द्वारा बेचे गए उत्पादों पर कमीशन दिया जाता था.

सदर डीएसपी दिलीप कुमार, साइबर डीएसपी अभिनव परासर और छतौनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मकान पर छापेमारी की. पुलिस ने मकान और कॉलोनी का निरीक्षण करते हुए युवाओं को बाहर निकाला. इस दौरान पुलिस ने युवाओं के दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की.
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रेस्क्यू किए गए अधिकांश युवक दूसरे राज्यों के थे. युवाओं ने बताया कि गिरोह उन्हें नौकरी के झांसे में फंसाकर मजबूरी में प्रोडक्ट बेचने के लिए दबाव डालता था. उनका कहना था कि वे कई बार घर वापसी की कोशिश कर चुके थे, लेकिन गिरोह के डर और धमकियों के कारण मजबूर होकर काम करते रहे.
पुलिस ने बताया कि स्थानीय मास्टरमाइंड शम्भू प्रसाद के मकान में ये सब चल रहा था. गिरोह के एक दर्जन से अधिक सदस्यों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस इनकी पहचान और नेटवर्क का पता लगाने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने तुरंत टीम गठन कर कार्रवाई का आदेश दिया. रेस्क्यू किए गए युवाओं को मेडिकल और मनोवैज्ञानिक सहायता देने की भी व्यवस्था की गई है.