बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मंत्री मदन साहनी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री संजय सरावगी ने 'आजतक' पर दिए इंटरव्यू में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा.
मदन साहनी का हमला
मदन साहनी ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता में बनाए रखने में भाजपा की भूमिका रही है, न कि तेजस्वी यादव की. उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव सरकार में रहते हुए भी कोई प्रभावी भूमिका नहीं निभा सके. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव गलत तरीके से यह दावा कर रहे हैं कि बिहार में सरकारी नौकरियां उन्होंने दी हैं, जबकि हकीकत यह है कि उपमुख्यमंत्री का इस मामले में कोई विशेष अधिकार नहीं होता.
साहनी ने तेजस्वी यादव पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि वह 'फरार आदमी' हैं और घर में ही सोए रहते हैं. उन्होंने कहा, तेजस्वी यादव केवल खाते रहते हैं और शरीर को भारी बना लिया है. पहले उन्हें अपने शरीर को फिट करना चाहिए.
संजय सरावगी का बयान
भाजपा कोटे से मंत्री संजय सरावगी ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार आम जनता ही उन्हें घेर रही है. उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में एनडीए 225 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहा है और जनता खुद तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा संभाल रही है.
नीतीश कुमार रहेंगे मुख्यमंत्री
दोनों मंत्रियों ने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही रहेंगे और उन्हीं के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस समय पूरी तरह सरकार चलाने में सक्रिय हैं और अगले पांच साल भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
राजद की प्रतिक्रिया
मदन साहनी द्वारा तेजस्वी यादव के शरीर को लेकर की गई टिप्पणी पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि जेडीयू तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता से घबराई हुई है और इसीलिए वे इस तरह की अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में निजी हमले नहीं होने चाहिए और जेडीयू नेताओं को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए.
राजनीति में निजी हमलों का बढ़ता दौर
बिहार में राजनीतिक बयानबाजी का स्तर लगातार गिरता दिख रहा है. जहां एक ओर एनडीए के नेता तेजस्वी यादव को लेकर निजी टिप्पणियां कर रहे हैं, वहीं राजद इसे सत्ता पक्ष की बौखलाहट बता रही है. आगामी चुनावों को देखते हुए ऐसी बयानबाजी और तेज होने की संभावना है.