बिहार के मुजफ्फरपुर में निजी अस्पताल में एक नाबालिग की मौत हो गई. शव लेने पहुंचे परिजनों और अस्पताल कर्मियों की बीच मारपीट हो गई. इस दौरान दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए. सूचना पर पहुंचे एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने दोनों पक्षों को समझाकर मामले को शांत कराया. पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति के बाद कार्रवाई करने से मना किया है.
जानकारी के मुताबिक, मड़वन प्रखंड के चैनपुर पकड़ी गांव के रहने वाले राकेश पासवान के 14 साल के बेटे अजित कुमार की जुरण छपड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई. शनिवार की सुबह परिजन डेड बॉडी लेने के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन अस्पताल कर्मी ने डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया और कहा कि पहले बकाया बिल 1 लाख 28 हजार 500 रुपए अदा करें.
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अस्पताल प्रबंधक और ग्रमीणों के बीच झड़प
इसके बाद अस्पताल के सुरक्षा गार्ड से मृतक के परिजनों की झड़प हो गई. सूचना मिलते ही ग्रामीण भी अस्पताल पहुंच कर हंगामा करने लगे. इस दौरान अस्पताल प्रबंधक और ग्रमीणों के बीच झड़प हुई. दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे और लात-घूंसे चले. गुस्साए भीड़ ने अस्पताल के बाहर तोड़ फोड़ की. इस दौरान दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए.
'दोनों पक्षों के बीच समझौता पत्र बनाया गया'
घटना की सूचना ब्रह्मपुरा थाना को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशितों को शांत करने की कोशिश की लेकिन परिजन अस्पताल प्रबंधक पर बच्चे की मौत का आरोप लगाकर हंगामा करते रहें. हंगामा बढ़ता देख मौके पर एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह दल बल के साथ पहुंचे. इसके बाद दोनों पक्षों को शांत कराया गया. वहीं, परिजन और अस्पताल प्रबंधक के बीच समझौता पत्र बनाया गया.
मामले में एएसपी टाउन ने कही ये बात
एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया गया है. दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से किसी भी प्रकार का कानूनी कार्रवाई करने से मना किया है. दोनों तरफ से सहमति पत्र बनाया गया है. इस मामले में थाने में कोई आवेदन नहीं दी गई है. दोनों पक्षों के समझौते के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया है.