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शहीद चंदन कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा बिहार, परिवार ने राज्य सरकार पर निकाला गुस्सा

26 साल के शहीद जवान चंदन कुमार ने साल 2017 में सेना को ज्वाइन किया था और वो 89 आर्म्ड रेजिमेंट में जवान थे. इसके बाद साल 2022 में इनकी शादी हुई थी. घर पर पत्नी, मां, पिता और दो भाई हैं. एक भाई किनारा की दुकान चलाता है और दूसरा भाई प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है, होली में छुट्टी लेकर वह घर आने वाले थे.

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शहीद चंदन कुमार का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा
शहीद चंदन कुमार का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा

बिहार के नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड अंतर्गत नारोमुरार गांव के शहीद चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से गया एयरपोर्ट पहुंचा. इसके बाद सड़क मार्ग से गांव तक लाया गया. जहां आज (सोमवार) राजकीय सम्मान के साथ उनका शाम 5 बजे अंतिम संस्कार होगा. बता दें, जम्मू कश्मीर के पूंछ में 21 दिसंबर को आतंकी हमला हुआ था. जिसमें चंदन कुमार समेत पांच जवान शहीद हुए थे.  

26 साल के शहीद जवान चंदन कुमार ने साल 2017 में सेना को ज्वाइन किया था और वो 89 आर्म्ड रेजिमेंट में जवान थे. इसके बाद साल 2022 में इनकी शादी हुई थी. घर पर पत्नी, मां, पिता और दो भाई हैं. एक भाई किनारा की दुकान चलाता है और दूसरा भाई प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है, होली में छुट्टी लेकर वह अपने घर नवादा आने वाले थे. शहीद जवान की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई थीं.

शहीद जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा

गया एयरपोर्ट परिसर में हीं ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी के अधिकारी व सेना के जवानों के द्वारा सलामी दी गई. इस दौरान शहीद जवान के परिवार के कई सदस्य मौजूद थे. गया जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी विनोद दुहन, एएसपी रवीश कुमार सहित कई थाना की थाना पुलिस उपस्थित हुए. इस मौके पर जहानाबाद पूर्व सांसद अरुण कुमार, लोजपा के अरविंद सिंह सहित नेता शामिल हुए.

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शहीद जवान चंदन कुमार के बड़े भाई पीयूष कुमार ने बताया जब यह घटना हुई तो उस वक्त टीवी पर वो न्यूज देख रहे थे. तब उन्हें पता चला था कि कई जवान शहीद हुए हैं लेकिन हमें क्या पता था कि हमारा भाई भी शहीद हुआ है. थोड़ी देर फोन पर जानकारी मिली की चंदन कुमार शहीद हो गया है.

बिहार सरकार का कोई भी मंत्री शहीर के परिवार से मिलने नहीं आया

इसके अलावा उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का कोई भी मंत्री उनके परिवर से मिलने तक नहीं आया. जातीय जनगणना इसलिए कराई गई क्योंकि भूमिहार या ब्राह्मण के पास नहीं जाना है. बिहार सरकार के किसी मंत्री ने एक ट्वीट तक नहीं किया. 

यूपी की योगी सरकार ने शहीद जवान के परिजनो को 50 लाख रुपये, 1 आश्रितों को नौकरी और शहीद के नाम से सड़क बनाने की घोषणा की है बिहार सरकार ने क्या किया है. चंदन को होली पर गांव आना था, खपरैल और मिट्टी के मकान को तोड़कर पक्का मकान बनाना था. 

(रिपोर्टर- पंकज कुमार)

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