दरभंगा के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (LNMU) में शुक्रवार को एक तरफ 11वां दीक्षांत समारोह चल रहा था, जिसमें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शामिल थे. वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और दीक्षांत समारोह में मनमानी के खिलाफ छात्र संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया.
पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच जमकर कहासुनी हुई और स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. छात्रों के तेवर देखते हुए पुलिस पहले से ही भारी संख्या में तैनात थी. जैसे ही प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी गेट के पास पहुंचे और नारेबाजी शुरू की, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. लेकिन छात्र एक बार पुलिस घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़कर वापस रोक लिया.
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छात्रों का गुस्सा भड़का, पुलिस से हुई नोकझोंक
पुलिस और छात्रों के बीच कई मिनटों तक तनाव बना रहा. दोनों तरफ से बहसबाज़ी होती रही और हालात बार-बार बिगड़ते दिखे. हालांकि, पुलिस ने संयम बरतते हुए छात्रों को समझाया कि उनकी शिकायत और मांग-पत्र राज्यपाल तक पहुंचा दिया जाएगा. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लिया, जिससे छात्रों का गुस्सा कुछ हद तक शांत हो गया.
छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन में संगठित लूट, ट्रांसफर–पोस्टिंग में घोटाला, फर्जी नियुक्तियां और दीक्षांत समारोह में भारी वसूली जैसे गंभीर भ्रष्टाचार चल रहे हैं. छात्रों ने मांग की कि विश्वविद्यालय की नियुक्तियों, ट्रांसफर और प्रभारी प्रधानाचार्यों की पूरी जांच और ऑडिट कराया जाए.
छात्र नेताओं ने लगाई जांच की मांग
छात्र नेता दीपक झा ने बताया कि छह साल बाद आयोजित हो रहे इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आए थे, इसलिए छात्र अपनी शिकायत सीधे उन्हें देना चाहते थे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है और इसकी जांच जरूरी है. दीपक झा के अनुसार, पुलिस ने उन्हें राज्यपाल से मिलने नहीं दिया और बीच रास्ते में ही रोक लिया.
पुलिस द्वारा ज्ञापन लेने और आश्वासन देने के बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया, लेकिन छात्रों ने साफ कहा कि भ्रष्टाचार की जांच कराए बिना वे अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे.