बिहार के जमुई से अजब प्रेम की गजब कहानी का अनोखा मामला सामने आया है. एक ऐसी प्रेम कहानी जो अपने आप में अजूबा है. पंचायत का एक फैसले ने इस प्रेम कहानी को चर्चा में ला दिया. शादी के पहले का प्यार एक बार फिर सात सालो बाद चर्चा में आया. दो बच्चे की मां और चार बच्चे के पिता को एक साथ रहने की इजाजत देने के पंचायत के फैसले की जिला में हर तरफ चर्चा हो रही है.
ये अनोखी प्रेम कहानी और पंचायत का अनोखा फैसला जमुई जिला के सोनो प्रखंड के खपड़िया गांव का है. दरअसल इस शादी शुदा प्रेमी जोड़े का रात के अंधेरे में मिलना शादी के बाद भी जारी था. प्रेमी अखलाक अंसारी और प्रेमिका सनुजा खातून के बीच दोनों की शादी के पहले से प्रेम प्रसंग चल रहा था. 2018 में प्रेमिका सनुजा खातून की शादी हो जाती है और वो दो बच्चे के मां भी बन जाती है. इसी बीच प्रेमी अखलाक अंसारी की भी शादी होती है और वो भी चार बच्चे के पिता हो जाते हैं. लेकिन दोनों के बीच कम नहीं हुआ. प्रेमिका सनुजा खातून के पति रोजगार की तलाश में मुंबई का रुख करता है. फिर क्या था पुराना प्यार फिर परवान चढ़ा और दोनों के बीच मिलने का सिलसिला प्रारंभ हो जाता है.
रात के अंधेरे में दोनों के बीच मिलने की भनक ग्रामीणों को लग गई. वो मौके की तलाश में थे कि दोनों को रंगे हाथ पकड़ा जाए. प्रेमी और प्रेमिका के बीच ये सिलसिला पिछले दो वर्षों से चला आ रहा जिसका बीते शुक्रवार की रात भंडाफोड़ हो गया. ग्रामीणों ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर जो हुआ वो अपने आप में अनोखा है. लोगों ने पहले प्रेमी अखलाक अंसारी की खंभे से बांधकर जमकर पिटाई की. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
शनिवार को दिन के उजाले में गांव में पंचायत बैठाई गई जिसमें प्रेमी प्रेमिका को भी बुलाया गया. पंचायत में लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी. दोनों से सवाल जवाब भी हुआ और काफी देर बाद पंचायत ने एक अनोखा फैसला सुनाया. पंचायत ने फैसला सुनाया कि शादीशुदा होने के बावजूद प्रेमी अखलाक अंसारी और प्रेमिका सनुजा खातून साथ रहेंगे. पंचायत ने दोनों के बीच संबंध को स्वीकारते हुए एक बॉन्ड बनवाया और तय किया कि अब दोनों साथ ही रहेंगे. पंचायत के फैसले के बाद सनुजा को अखलाक के साथ भेज दिया गया.
पंचायत के इस फैसले पर अखलाक की पहली पत्नी ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई और सहमति जता दी कि सब मिलकर एक साथ रहेंगे. पंचायत के इस फैसले की खूब चर्चा हो रही है. प्रेम कहानी से शुरू हुई यह घटना अब गांव में मिसाल बन गई है कि पिटाई के बाद भी अगर मोहब्बत जिंदा रहे,तो पंचायत भी साथ जीने की इजाजत दे देती है.