महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने साल 2016 में अपनी प्रेमिका पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या करने के जुर्म एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सत्र न्यायाधीश ए एन सिरसीकर ने आरोपी अमितकुमार उर्फ अवि अमरनाथ विश्वकर्मा (40) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी पाया.
न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. 14 मई के आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई. अतिरिक्त सरकारी अभियोजक रश्मि जी खीरसागर ने अदालत को बताया कि पीड़िता कोमल सकपाल तीन साल से विश्वकर्मा के साथ रिश्ते में थी, लेकिन दोनों के बीच विवाद रहता था.
बताया जा रहा है कि अमितकुमार शराब और मादक पदार्थों के सेवन का आदि था. इस वजह से उसकी प्रेमिका उससे अक्सर नाराज रहती थी. इस वजह से उनका रिश्ता टूट गया. 21 दिसंबर, 2015 को अमितकुमार ने कोमल सकपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया. 4 जनवरी, 2016 को अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इसके बाद पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया. उस पर चले मुकदमे के दौरान कुल 11 गवाहों और पीड़िता के मृत्यु पूर्व बयान, मेडिकल रिपोर्ट और जब्त की गई वस्तुओं सहित कई साक्ष्यों की जांच की गई. इसी आधार पर वारदात के 9 साल बाद अदालत ने सजा का ऐलान किया है.
बताते चलें कि पिछले साल ठाणे जिले में प्रेम संबंधों में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई थी. एक प्रेमी ने प्रेमिका द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने पर उसे पुल से धक्का देकर पानी में गिरा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद वो फरार हो गया. लेकिन पुलिस ने इस मामले में प्रेमी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
23 वर्षीय पीड़िता की पहचान मानसी भोईर के रूप में हुई, जो नवंबर 2023 में लापता हो गई थी. उसकी गायब होने की पहेली कई महीनों तक अनसुलझी रही, लेकिन आखिरकार मामले का खुलासा हो गया. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था. पिछले साल पीड़िता के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
वरिष्ठ निरीक्षक गोरखनाथ गर्गे ने बताया कि कुछ दिन बाद ठाणे में कलवा खाड़ी में एक महिला का शव मिला था. पुलिस ने एक आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज करने के बाद इसकी जांच शुरू कर दी थी. उस वक्त मृतक महिला की पहचान नहीं हो पाई, न ही उसकी हत्या से जुडा़ कोई सुराग मिला था. इधर पुलिस मानसी की तलाश में जुटी हुई थी.
ठाणे पुलिस ने जब लापता महिला के शरीर पर बने टैटू का लावारिश लाश के साथ मिलान किया तो उसकी पहचान हो गई. इसके अलावा मानसी की बहन ने भी शव को देखकर उसे अपनी बहन के रूप में पुष्टि कर दी. इसके बाद पुलिस ने मृत महिला के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच शुरू की, जो उन्हें एक प्रमुख संदिग्ध तक ले गई.
उसकी पहचान आदिल शेख के रूप में हुई. जांच से पता चला कि वो पहले से उसके संपर्क में था. इसके बाद पुलिस ने आगे जांच की तो पता चला कि आदिल शेख 4 नवंबर की रात को कलवा खाड़ी के आसपास था, जहां से मानसी का शव मिला था. उनके बीच आखिरी बातचीत के अनुसार, पीड़िता माजीवाड़ा-कलवा पुल के पास मिलने के लिए गई हुई थी.
पुलिस ने बताया कि जब मानसी ने उनकी मुलाकात के दौरान आदिल शेख की यौन इच्छाओं का विरोध किया, तो वो क्रोधित हो गया और उसे पुल से धक्का दे दिया. वो एक खंभे पर फंस गई और बेहोश हो गई. इसके बाद आदिल शेख ने अपने दो साथियों महबूब मकदूम अली शेख (28) और रूपेश शिवकुमार यादव उर्फ सोनू (23), जो पेशे से रिक्शा चालक हैं, को बुलाया.
इसके बाद तीनों ने मानसी को खंभे से धक्का पानी में गिरा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. उसका शव घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर मिला था. फिलहाल तीनों आरोपी जेल में हैं, जिनमें एक हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं. प्रेम प्रसंग के बीच होने वाली वारदातों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो कि चिंता का विषय है.