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बिहार: नई सरकार के सामने फ्लोर टेस्ट की चुनौती, JDU-BJP ने बुलाई बैठक

बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. इससे ठीक एक दिन पहले 11 फरवरी को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में जेडीयू के सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं.

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नीतीश कुमार (File Photo)
नीतीश कुमार (File Photo)

बिहार की नई नीतीश कुमार सरकार के सामने फ्लोर टेस्ट की चुनौती है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी NDA सरकार का 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. इससे ठीक एक दिन पहले 11 फरवरी को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में जेडीयू के सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं. 

बैठक फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले शाम 5 बजे मंत्री विजय चौधरी के आवास पर होगी. इस मीटिंग के जरिए विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास किया जाएगा. इस बीच बीती रात बीजेपी के विधायकों की बैठक और डिनर पार्टी में सभी से पटना में बने रहने के लिए कहा गया है. सभी दल अपने-अपने विधायकों पर नजरें बनाए हुए हैं.

कांग्रेस विधायक पहुंचे हैदराबाद

बता दें कि शक्ति परीक्षण से पहले बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाद पहुंच चुके हैं. विधायकों के टूटने की आशंका के चलते उन्हें हैदराबाद भेजा गया है. दरअसल, दिल्ली में प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की एक अहम बैठक हुई थी, इसमें 19 विधायकों में से 17 विधायक शामिल हुए थे. इसके बाद बिहार कांग्रेस के 16 विधायक हैदराबाद पहुंच गए थे.

नए स्पीकर का चुनाव भी 12 को

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बता दें कि नीतीश कुमार ने 28 जनवरी की शाम 5 बजे 8 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम), सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम), विजय कुमार चौधरी, डॉ. प्रेम कुमार, ब्रिजेंद्र प्रसाद यादव, सुमित कुमार सिंह, संतोष कुमार, श्रवण कुमार नीतीश की नई कैबिनेट का हिस्सा हैं. विधानसभा के नए स्पीकर का भी चुनाव होना हैं, जो 12 फरवरी को किया जाएगा.

किस पार्टी के पास कितने विधायक

243 सीटों वाली विधानसभा में राजद के पास 79 विधायक हैं और विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल)+सीपीआई+सीपीआई (एम) के पास 16 विधायक हैं. मसलन विपक्ष के पास कुल संख्या बल 114 विधायकों का है और एक विधायक एआईएमआईएम के पास है.

क्या बिहार में खेला अभी बाकी है?

कांग्रेस अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने जा रही है तो इसका कनेक्शन नीतीश के पालाबदल के बाद से ही जारी बयानी जंग से भी जोड़ा जा रहा है. नीतीश की एनडीए में वापसी के बाद बिहार बीजेपी के नेता यह दावा कर रहे थे कि कांग्रेस के 10 विधायक हमारे संपर्क में हैं. वहीं, नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि बिहार में खेला अभी बाकी है.आरजेडी की ओर से जीतनराम मांझी की पार्टी को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिए जाने की खबरें भी आई थीं.

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मांझी से लेकर उनके बेटे संतोष मांझी तक ने तब दो टूक कहा था कि हम एनडीए में हैं और एनडीए में ही रहेंगे. लेकिन अब मांझी एनडीए को तेवर दिखा रहे हैं. यह तेवर नीतीश कैबिनेट में भागीदारी बढ़ाने, लोकसभा चुनाव के लिए सीटें पाने की कोशिश में प्रेशर पॉलिटिक्स है या बिहार में खेला अभी बाकी है?

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