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सर्दियों में बाइक की बैटरी क्यों हो जाती है डिस्चार्ज? इन आसान उपायों से रखें चार्ज

मोटरसाइकिल की बैटरी की कंडीशन पर अक्सर वाहन मालिक ध्यान नहीं देते हैं. ज्यादातर मामलों में बैटरी के खराब होने की जानकारी तब मिलती है, जब वह पूरी तरह से डेड होने की कगार पर पहुंच जाती है. ऐसे में कुछ आसान टिप्स से आप भीषण सर्दी में बाइक की बैटरी को समय रहते डेड होने से बचा सकते हैं.

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Bike battery maintenance tips
Bike battery maintenance tips

सर्दियों में ज्यादा ठंड की वजह से बाइक की बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है, ऐसे में गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होती है. इस मौसम में बाइक या गाड़ी की बैटरी को खास ख्याल की जरूरत है वर्ना आपको भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. हालांकि, भीषण सर्दी में बाइक की बैटरी को डेड होने से आप आसानी से बचा सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ आसान टिप्स फॉलो करने होंगे.

मोटरसाइकिल की बैटरी की कंडीशन पर अक्सर वाहन मालिक ध्यान नहीं देते हैं. ज्यादातर मामलों में बैटरी के खराब होने की जानकारी तब मिलती है, जब वह पूरी तरह से डेड होने की कगार पर पहुंच जाती है. अगर आप बैटरी को ड्रेन (जल्दी डिस्चार्ज) होने से बचाना चाहते हैं तो उसे हमेशा चार्ज रखने की जरूरत है. लेकिन इन बातों की डिटेल में जाने से पहले आइये जानते हैं कि, बाइक की बैटरी कितने तरह की होती है. 

मोटरसाइकिल बैटरी के प्रकार

बाइक में लगने वाली बैटरी को दो प्रकार की होती हैं. पहली लीड-एसिड बैटरी और दूसरी लिथियम-आयन. लीड एसिड बैटरी भी दो तरह की होती है, पहला ओपेन टाइप और दूसरा मेंटनेंस फ्री बैटरी. जैसा कि नाम से ही जाहिर है ओपेन टाइप बैटरी के कवर को खोला जा सकता है, जबकि मेंटनेंस फ्री बैटरी को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि, इसमें उत्पन्न होने वाली गैस को इलेक्ट्रोड स्वत: ही ऑब्जर्व कर लेता है. वहीं लिथियम-आयन बैटरी नई प्रकार की बैटरी हैं जो कि हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादा इस्तेमाल होती है. 

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इस तरह से बैटरी को रखें चार्ज: 

बाइक की बैटरी को चार्ज रखने के लिए आप इसे टेंडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये एक तरह की डिवाइस होती है, इसमें लगा हुआ सेंसर चार्जिंग खत्म होने की जानकारी देते हुए ऑटोमेटिकली बैटरी को चार्ज करना शुरू कर देता है. बैटरी के पूरी तरह से चार्ज होने के बाद खुद ही यह प्रकिया बंद हो जाएगी. कई लोगों को लगता है कि ठंड से बैटरी टेंडर जम सकता है, जिसकी वजह से यह काम करना बंद हो जाएगा. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसमें लगा हुआ प्लग बैटरी टेंडर को जमने से रोकता है, जिससे बैटरी जल्द खराब नहीं होती है.

दूसरे विकल्प के रूप में आप ट्रिकल चार्जर का उपयोग कर सकते हैं. यह बैटरी टेंडर से थोड़ा अलग है. ट्रिकल चार्जर और बैटरी टेंडर दोनों मोटरसाइकिल की बैटरी चार्ज करते हैं. ट्रिकल चार्जर बैटरी को लगातार चार्ज करता रहता है. ऐसे में ट्रिकल चार्जर का उपयोग समझदारी से करना होगा. इसे कुछ हफ्तों या हर दूसरे महीने में बैटरी से कनेक्ट करें और चार्ज करते समय बैटरी की जांच करें. ध्यान रखें कि बैटरी ओवर चार्ज न हो वर्ना भारी नुकसान हो सकता है.

तीसरे विकल्प का चुनाव आप उस स्थिति में कर सकते हैं, जब आप लगातार अपनी बाइक का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसके लिए आप मोटरसाइकिल की बैटरी को चार्ज रखने के लिए बस इसे बाइक से अलग कर दें. इसे घर के अंदर किसी कंटेनर में रखें, जहां यह यह सुरक्षित रहे. इससे आपकी बैटरी डिस्चार्ज नहीं होगी. जरूरत के हिसाब से इसे बाइक में फिट कर आप ड्राइविंग का मजा ले सकते हैं.

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Pic credit: Getty images

बैटरी पर रखें पैनी नज़र:  

बैटरी के बेहतर रखरखाव के लिए उसके केबल्स की जांच करें. देखें कि कोई भी तार कटा या फटा तो नहीं. खुले तारों की वजह से बैटरी में शॉर्ट सर्किट हो सकता है. यदि आप अपनी मोटरसाइकिल की बैटरी को पूरे सर्दियों के दौरान उससे कनेक्ट रखने की सोच रहे हैं तो कोशिश करें कि उसपर गंदगी या धूल बीच में न आए. इससे बैटरी की परफॉर्मेंस खराब हो सकती है. बैटरी की देखरेख के लिए हमेशा इंसुलेटेड टूल्स का इस्तेमाल करें. ध्यान रखें कि मोटरसाइकिल की बैटरी हमेशा 80 प्रतिशत जरूर चार्ज होनी चाहिए. साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि बैटरी के टर्मिनलों पर एसिड ना जमा हो. यह केबल के कनेक्शन को नुकसान पहुंचा सकता है.

आमतौर पर पूरी तरह से चार्ज बैटरी को फ्रीज करने के लिए बहुत लो-टेंप्रेचर की आवश्यकता होती है. यहां यह जानना बेहद जरूरी है कि, पूरी तरह से डिस्चार्ज बैटरी का ये अर्थ नहीं होता है कि उसका वोल्टेज जीरो (0) हो गया है. दरअसल, जैसे ही बैटरी का वोल्टेज 12V से नीचे आता है तो इसे डिस्चार्ज माना जाता है और 100% चार्ज बैटरी की रीडिंग 12.6 वोल्ट के तौर पर की जाती है. इसलिए जैसे ही बैटरी का वोल्टेज 12V से नीचे आता है इसे तत्काल चार्ज करने की जरूरत होती है. 

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सर्दियों में अपनाएं ये उपाय: 

>अपनी मोटरसाइकिल को हमेशा ढक कर रखें.
>यदि आप अपनी मोटरसाइकिल को लंबे समय तक खड़ी कर रहे हैं, तो मोटरसाइकिल से बैटरी को पूरी तरह से डिस्कनेक्ट करें.
>यदि आपकी बैटरी 4 वर्ष से अधिक पुरानी है तो नई बैटरी खरीदना बुद्धिमानी है.
>वोल्टमीटर से जांच करते रहें, देखें कि वोल्टेज हमेशा 12.60 वोल्ट के आसपास होना चाहिए.
>बैटरी के टर्मिनलों को हमेशा साफ रखना चाहिए. 
>बैटरी को हमेशा ट्रिकल या फ्लोट चार्जर से चार्ज करके रखें.
> मोटरसाइकिल को हर सप्ताह कम से कम 1 घंटे के लिए चलाएं
> यदि डेली राइडिंग संभव नहीं है तो रोजाना सुबह थोड़ी देर के लिए वाहन को स्टार्ट करें. 
>अपनी मोटरसाइकिल की बैटरी को उसकी क्षमता के 50% से कम न होने दें.

ऐसे करें बैटरी की मेंटनेंस: 

1. बैटरी निरीक्षण:

बैटरी के टर्मिनलों की नियमित जांच करें. उसे ब्रश से साफ करना जरूरी है. इसके लिए आप स्प्रे की सहायता भी ले सकते हैं. इसके अलावा टर्मिनलों पर किसी तरह की गंदगी और जंग लगने से बचाने के लिए आप इस पर नियमित रूप से ग्रीस लगाते रहें। 

2. फ्लूइड:

हालांकि आज के समय में ज्यादातर दोपहिया वाहनों में सील्ड और मेंटनेंस फ्री बैटरी ही मिलती हैं, लेकिन यदि आपका वाहन पुराना है और उसकी बैटरी यदि सीलबंद नहीं हो तो उसके इलेक्ट्रोलाइट स्तरों की जांच करें. इसमें डिस्टिल्ड वॉटर/बैटरी इलेक्ट्रोलाइट से तब तक भरें जब तक कि वॉटर लेवल दिए गए मानक स्तर को छू नहीं लेता. ध्यान रखें बैटरी में फ्लूइड ज्यादा न भरें वर्ना इलेक्ट्रोलाइट के लीक होने से टर्मिनलों को नुकसान पहुंचा सकता है.

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3. वोल्टेज जांच:

अपनी बैटरी के वोल्टेज की जांच करते रहें. इसके लिए एक मल्टीमीटर खरीद लें. यदि चार्ज की स्थिति 12.60 वोल्ट से अधिक है, तो बैटरी अच्छी स्थिति में है और यदि रीडिंग 12.30 वोल्ट से कम है, तो इसका मतलब है कि आपकी बैटरी को रिचार्ज करने की आवश्यकता है.

सही रखरखाव और देखभाल से आप बैटरी लाइफ को बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट आपको मोटरसाइकिल को स्टोर करने से पहले यूनिट से बैटरी को पूरी तरह से हटाने की सलाह देते हैं. बैटरी निकालते समय हमेशा नेगेटिव टर्मिनल (ब्लैक केबल) को पहले डिस्कनेक्ट करें, और फिर से इंस्टॉल करते समय, पहले पॉजिटिव टर्मिनल को फिर से कनेक्ट करें.

(डिस्क्लेमर: यहां पर बैटरी और उससे जुड़ी जो भी जानकारी दी गई है, वो मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. वाहन संबंधित तकनीकी जानकारी और जांच के लिए किसी एक्सपर्ट, आधिकारिक सर्विस सेंटर की राय जरूर लें.)

 

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