अमेरिका-चीन रिश्तों में नरमी... ट्रंप और जिनपिंग की फोन पर लंबी बातचीत, यूक्रेन युद्ध और फेंटेनाइल तस्करी पर भी बात

यूएस के राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच हुई बातचीत दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई और दोनों ने मिलकर किसानों के लिए एक अहम समझौता किया है. शी ने ट्रम्प को अप्रैल में चीन आने का निमंत्रण दिया है, और शी भी बाद में अमेरिका का दौरा करेंगे. इस दौरान नेताओं के बीच यूक्रेन–रूस युद्ध, फेंटेनाइल तस्करी और कृषि व्यापार पर भी चर्चा हुई.

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अमेरिका-चीन में कूटनीतिक गर्माहट लौटी (Photo: Reuters) अमेरिका-चीन में कूटनीतिक गर्माहट लौटी (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:54 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर हुई बातचीत “बहुत अच्छी और सकारात्मक” रही. दोनों नेताओं ने कई बड़े मुद्दों पर बात की - जैसे यूक्रेन युद्ध, फेंटेनाइल ड्रग की तस्करी और कृषि उत्पादों का व्यापार.

ट्रंप ने खासकर कहा कि अमेरिकी किसानों के लिए हुई समझदारी बहुत अहम है. सोयाबीन और दूसरी फसलों पर अमेरिका और चीन के बीच अच्छी प्रगति हुई है, जिससे अमेरिकी किसानों को सीधा फायदा मिलेगा.

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ट्रंप ने बताया कि यह बातचीत उनकी तीन हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया में हुई मीटिंग का ही आगे का हिस्सा थी. उस समय से दोनों देश मिलकर अपने समझौतों को मजबूती देने पर लगातार काम कर रहे हैं. दोनों नेताओं ने माना कि उन्हें नियमित रूप से बात करते रहना चाहिए.

फोन कॉल के दौरान शी जिनपिंग ने ट्रंप को अप्रैल 2026 में बीजिंग आने का न्योता दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया. ट्रंप ने भी शी जिनपिंग को साल के अंत में अमेरिका आने का निमंत्रण दिया. ट्रंप का कहना है कि फिलहाल अमेरिका और चीन के रिश्ते मजबूत हैं और आगे और बेहतर होंगे.

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. शी जिनपिंग ने कहा कि ताइवान चीन का अहम हिस्सा है और उसका चीन में वापस आना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी वैश्विक व्यवस्था का हिस्सा है.

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दोनों नेताओं ने द्वितीय विश्व युद्ध में एक-दूसरे के साथ मिलकर लड़ी गई लड़ाई को याद किया और आगे भी शांति बनाए रखने के लिए साथ काम करने की बात कही.

कुल मिलाकर, व्यापार, ताइवान और यूक्रेन जैसे मुद्दों पर बातचीत ने दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूत करने और नए सहयोग के रास्ते खोलने का संकेत दिया है. दोनों पक्षों ने साफ किया कि मतभेदों के बावजूद बातचीत जारी रखी जाएगी और रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश होती रहेगी.

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