स्पेस स्टेशन तक कैसे पूरा होगा शुभांशु शुक्ला का AX-4 Mission, कौन साथ जा रहा? जानिए पूरी कहानी

Axiom Mission 4 में भारत के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष जाएंगे. यह मिशन 8 जून 2025 को लॉन्च होगा और 14 दिन तक ISS पर रहेगा. इसमें पेगी व्हिट्सन, स्लावोस उज़्नांस्की और टिबोर कपु भी शामिल हैं. चालक दल 60+ वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. यह भारत के गगनयान मिशन की तैयारी और वैश्विक सहयोग को बढ़ाएगा.

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Ax-4 Mission के मुख्य पायलट हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. वो पहले भारतीय होंने जो स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे. (सभी फोटोः Axiom Space) Ax-4 Mission के मुख्य पायलट हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. वो पहले भारतीय होंने जो स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे. (सभी फोटोः Axiom Space)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

Axiom Mission 4 (Ax-4) एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन है, जो भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए अंतरिक्ष यात्रा में नया अध्याय जोड़ेगा. इस मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पायलट होंगे. यह मिशन 8 जून 2025 को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा.

Ax-4 मिशन क्या है?

Ax-4, Axiom Space नाम की एक निजी कंपनी का चौथा अंतरिक्ष मिशन है, जो NASA और SpaceX के साथ मिलकर किया जा रहा है. यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएगा, जहां चालक दल 14 दिन तक रहेंगे. इस दौरान वे वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी प्रदर्शन और जन जागरूकता के कार्यक्रम करेंगे. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए खास है, क्योंकि ये देश 40 साल बाद फिर से अंतरिक्ष यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं.

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कौन-कौन जा रहा है Ax-4 मिशन में?

पेगी व्हिट्सन (अमेरिका): ये मिशन की कमांडर हैं. पेगी NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं. अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में 675 दिन बिताए हैं. यह उनका दूसरा निजी अंतरिक्ष मिशन होगा.

शुभांशु शुक्ला (भारत): ये मिशन के पायलट हैं. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं. ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं. 1985 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु के पास 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है. वे Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक जैसे विमानों को उड़ा चुके हैं. वे ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे. 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय.

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स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड): ये मिशन स्पेशलिस्ट हैं. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री हैं. 1978 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे पोलिश यात्री होंगे. वे वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं, जिन्हें 22,500 उम्मीदवारों में से चुना गया. 

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टिबोर कपु (हंगरी): ये भी मिशन स्पेशलिस्ट हैं. हंगरी स्पेस ऑफिस के प्रतिनिधि हैं. 1980 के बाद हंगरी के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे. वे मैकेनिकल इंजीनियर हैं और 247 उम्मीदवारों में से चुने गए. 

बैकअप अंतरिक्ष यात्री: भारत से ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप पायलट हैं. हंगरी से ग्युला सेरेनी बैकअप अंतरिक्ष यात्री हैं.

मिशन का उद्देश्य क्या है?

Ax-4 मिशन के तीन मुख्य उद्देश्य हैं...

वैज्ञानिक प्रयोग... चालक दल 60 से ज़्यादा वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिनमें 7 भारत के हैं. ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी (कम गुरुत्वाकर्षण) में किए जाएँगे और इनमें शामिल हैं...कंप्यूटर स्क्रीन के दिमाग पर प्रभाव की जांच. माइक्रोएल्गी और सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि का अध्ययन. मांसपेशियों के कमज़ोर होने की जांच और उपाय. माइक्रोग्रैविटी में मेथी और मूंग जैसे बीजों के अंकुरण का अध्ययन. इन प्रयोगों में 31 देश शामिल हैं, जैसे अमेरिका, भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राज़ील नाइजीरिया और यूएई.

तकनीकी प्रदर्शन... नए उपकरण और तकनीकों का परीक्षण होगा, जैसे पहनने योग्य डिवाइस और iPhone सॉफ्टवेयर. ये भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए उपयोगी होंगे. 

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जागरूकता और शिक्षा... चालक दल ISS से बच्चों और शिक्षकों के साथ रेडियो के ज़रिए बात करेगा. ब्राज़ील और नाइजीरिया के स्कूलों के बच्चों ने प्रयोग डिज़ाइन किए हैं, जैसे अंतरिक्ष में गेंदों की टक्कर और पेंडुलम का अध्ययन.

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मिशन की मुख्य बातें

  • लॉन्च तारीख: 8 जून 2025, शाम 6:41 बजे IST 
  • लॉन्च स्थान: NASA का कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा  
  • अंतरिक्ष यान: SpaceX का ड्रैगन अंतरिक्ष यान, जिसे फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च करेगा.  
  • अवधि: 14 दिन तक ISS पर रहेंगे  
  • लागत: भारत ने इस मिशन के लिए लगभग 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.  
  • महत्व: यह भारत के गगनयान मिशन के लिए अनुभव देगा, जो 2026 में भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन होगा.

शुभांशु शुक्ला की कहानी

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ. 1999 के कारगिल युद्ध ने उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पढ़ाई की. 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए. वे एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं. 2019 में ISRO ने उन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना. उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया. बेंगलुरु में आगे की ट्रेनिंग की. मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन का पद मिला.

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भारत के लिए क्यों खास?

  • इतिहास रचने का मौका: शुभांशु शुक्ला 1984 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होंगे.  
  • गगनयान की तैयारी: यह मिशन भारत के पहले स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए अनुभव देगा.  
  • वैज्ञानिक प्रगति: भारत के 7 प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में अनुसंधान को बढ़ावा देंगे. 
  • वैश्विक सहयोग: यह मिशन NASA, ESA और SpaceX के साथ भारत के बढ़ते सहयोग को दिखाता है.  
  • प्रेरणा: शुभांशु का कहना है कि उनका मिशन भारत की नई पीढ़ी को अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए प्रेरित करेगा.

चुनौतियां और देरी

मिशन की मूल तारीख 29 मई 2025 थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे 8 जून 2025 तक टाल दिया गया. ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने कहा कि SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान भरोसेमंद हैं, इसलिए देरी कोई बड़ी चिंता नहीं है. Axiom Mission 4 भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक बड़ा कदम है. शुभांशु शुक्ला के नेतृत्व में यह मिशन न सिर्फ़ भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दिखाएगा, बल्कि गगनयान जैसे भविष्य के मिशनों के लिए रास्ता भी तैयार करेगा.

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