'अंतरिक्ष की उड़ान जितना अद्भुत', पत्नी-बेटे से मिलकर इमोशनल हुए शुभांशु शुक्ला

स्पेस स्टेशन से लौटने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने परिवार से मुलाकात की है. परिवार से मुलाकात की अपनी तस्वीरें शुभांशु ने इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं. उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन के दौरान परिवार से मिलने के लिए हमें 8 मीटर की दूरी पर रहना पड़ता था. ये काफी चुनौतीपूर्ण था.

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ISS से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला ने अपने परिवार से की मुलाकात. (photo: Social Media) ISS से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला ने अपने परिवार से की मुलाकात. (photo: Social Media)

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से लौटने के 18 दिन बाद अपने परिवार से मुलाकात की पहली तस्वीरें साझा की हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया. ये तस्वीरें गौरव, राहत और गहरी भावनाओं से भरे उस ऐतिसाहिक पल की झलक देती हैं. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष की उड़ान अद्भुत होती है, लेकिन लंबे वक्त के बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है.

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इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिनों की सफल यात्रा के बाद प्रशांत महासागर में स्प्लेशडाउन करने वाले शुभांशु शुक्ला को ह्यूस्टन स्थित एक विशेष सुविधा केंद्र में उनके परिवार ने गले लगाकर स्वागत किया. परिवार से मुलाकात से पहले उनका प्रारंभिक मेडिकल टेस्ट किया गया था. 

अपने परिवार से मुलाकात की तस्वीरों को शुभांशु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं. तस्वीरों में वह अपनी पत्नी कामना और अपने चार साल के बेटे को गले लगाते हुए दिख रहे हैं. वहीं, उन्हें गले लगाने के बाद उनकी पत्नी की आंखों से आंसू बह रहे थे.

'बहुत चुनौतीपूर्ण था ये' 

इन तस्वीरों को साझा कर शुभांशु ने लिखा, 'अंतरिक्ष की उड़ान अद्भुत होती है, लेकिन लंबे वक्त के बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है. मुझे क्वारंटाइन में गए हुए 2 महीने हो गए हैं. क्वारंटाइन के दौरान परिवार से मिलने के लिए हमें 8 मीटर की दूरी पर रहना पड़ता था. मेरे नन्हे-मुन्नों को बताया गया कि उनके हाथों में कीटाणु हैं, इसलिए वह अपने पिता को नहीं छू सकते. जब भी वह मिलने आते, अपनी मां से पूछते, 'क्या मैं अपने हाथ धो सकता हूं?' यह बहुत चुनौतीपूर्ण था.'

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उन्होंने आगे लिखा, 'धरती पर वापस आकर और अपने परिवार को अपनी बाहों में लेकर घर जैसा महसूस हुआ. आज ही किसी प्रियजन को खोजें और उन्हें बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं. हम अक्सर जीवन में व्यस्त हो जाते हैं और भूल जाते हैं कि हमारे जीवन में लोग कितने महत्वपूर्ण हैं. इंसान अंतरिक्ष उड़ान मिशन जादुई होते हैं, लेकिन उन्हें इंसानों द्वारा ही जादुई बनाया जाता है.'

शुभांशु ने रच इतिहास

शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बने गए हैं, बल्कि 1984 में राकेश शर्मा के बाद स्पेस में यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय भी बन गए हैं. राकेश शर्मा ने साल 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी.

शुभांशु ने किए 60 से ज्यादा प्रयोग

शुभांशु शुक्ला ने 25 जून, 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर अपनी ऐतिहासिक यात्रा शुरू की थी. 26 जून को आईएसएस से जुड़ने के बाद, उन्होंने 18 दिन तक वहां रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए. जिनमें जीव विज्ञान, सामग्री विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित प्रयोग शामिल थे. विशेष रूप से, उनके 'स्प्राउट्स प्रोजेक्ट' ने माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि का अध्ययन किया जो अंतरिक्ष में टिकाऊ खेती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

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