प्रदूषण से सावधान! पंजाब-हरियाणा में पराली जलना शुरू, दिल्ली की हवा में फिर घुलेगा जहर

खरीफ की कटाई का मौसम शुरू होते ही पंजाब और हरियाणा में फिर से पराली जलाई जा रही है. जिससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से पराली जलाने के बारे में जवाब चाहता है.

Advertisement
Stubble Burning Stubble Burning

शुभम तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

दिल्ली-एनसीआर से मॉनसून की विदाई होने लगी है. वहीं, खरीफ की कटाई का मौसम भी शुरू हो चुका है, इसके साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का खतरा फिर से मंडराने लगा है. दरअसल, खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही पंजाब और हरियाणा में फिर से पराली जलाई जाने लगी है. जिससे हवा में  प्रदूषण बढ़ता है. बता दें कि पराली जलाने की घटनाओं के कारण हर साल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ता है. 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से पराली जलाने के बारे में जवाब चाहता है. शुक्रवार को इस मुद्दे पर सुनवाई होने की उम्मीद है. पिछले साल, शीर्ष अदालत ने कहा था कि पराली जलाने पर नियंत्रण किया जाना चाहिए. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक निगरानी की जरूरत पर जोर दिया था ताकि यह समस्या फिर से न हो. वहीं, आधिकारिक डेटा से पता चलता है कि इस खरीफ सीजन में अकेले पंजाब में पराली जलाने की 81 घटनाएं सामने आई हैं. 

Advertisement

सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें

नासा के VIIRS सैटेलाइट सेंसर द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से पता चलता है कि पंजाब में अमृतसर और हरियाणा में कुरुक्षेत्र और करनाल के पास पराली जलाने की घटनाएं केंद्रित होने की संभावना है.  VIIRS डेटा के अनुसार, पिछले सात दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है. पंजाब में खरीफ की कटाई का मौसम आधिकारिक तौर पर 15 सितंबर से शुरू होता है और 30 नवंबर तक चलता है. 



पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आदर्श पाल विग के मुताबिक, शुरुआती पांच दिनों में पंजाब में पराली जलाने की सिर्फ 18 घटनाएं दर्ज की गई थीं. इससे पता चलता है कि 20 सितंबर से 24 सितंबर के बीच 63 घटनाएं सामने आई हैं. डेटा से पता चलता है कि 2021 से पंजाब में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में साल 2021 में 71,000 से अधिक आग की घटनाएं, 2022 में 49,900 और 2023 में निर्धारित खरीफ फसल के मौसम के दौरान 36,600 से अधिक घटनाएं हुई हैं.



खराब होने लगी है दिल्ली की हवा

Advertisement

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में सोमवार को एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स एक्‍यूआई) 210 से 263 के बीच रहने के साथ हवा की गुणवत्ता 'खराब' हो गई. केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों के प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि पंजाब और हरियाणा पराली जलाने के दो सबसे बड़े हॉटस्पॉट हैं, जो इस साल पराली जलाने की प्रक्रिया को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बता दें कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसान सबसे सस्ते और तेज माध्यम के रूप में फसल अवशेषों को जलाना पसंद करते हैं. 

प्रदूषण रोकने ले के लिए किए जा रहे प्रयास

पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पराली के निपटान में उनकी सहायता करने के लिए केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें खरीदने की योजना चला रही है. सरकार के अनुसार, इस सीजन में पंजाब में 1.50 लाख से अधिक सीआरएम मशीनें उपलब्ध होंगी, जिन्हें 24,736 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) की तरफ से मदद दी जाएगी. जबकि हरियाणा में 6,794 सीएचसी द्वारा 90,945 सीआरएम मशीनें उपलब्ध होंगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement