तेलंगाना में कांग्रेस नेता वी नवीन यादव के खिलाफ फर्जी मतदाता पहचान पत्र (EPICs) बांटने का मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले स्थानीय प्रशासन ने की है. यूसुफगुड़ा चेकपोस्ट पर कांग्रेस कार्यालय के पास एक सार्वजनिक आयोजन में 2 अक्टूबर 2025 से पूर्व यह वितरण हुआ था.
नवीन यादव आम जनता के बीच निर्वाचक फोटो पहचान पत्र का अवैध वितरण करते हुए पाए गए हैं. ऐसा करना चुनाव कानून का उल्लंघन होता है.
मेडक के सांसद रघुनंदन राव की शिकायत के बाद निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) के प्रतिवेदन पर 6 अक्टूबर 2025 को मधुरा नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई.
वोटर कार्ड वितरण पर एफआईआर दर्ज क्यों?
स्थानीय प्रशासन ने राजनेताओं द्वारा वोटर पहचान पत्र (EPICs) बांटने के आरोप में यह कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता नवीन यादव निर्वाचक फोटो पहचान पत्र का अवैध वितरण करते हुए पाए गए. ऐसा करना चुनाव कानून का उल्लंघन माना जाता है. केवल बूथ लेवल ऑफिसर को ही आधिकारिक रूप से मतदाता पहचान पत्र बांटने, देने, या मतदाता तक पहुंचाने का अधिकार है. यह कार्यक्रम कांग्रेस कार्यालय, यूसुफगुड़ा चेकपोस्ट पर हुआ था.
जांच में क्या सामने आया?
स्थानीय प्रशासन की ओर से की गई जांच से संकेत मिलता है कि यह कार्यक्रम दसरा त्योहार से पहले यानी 2 अक्टूबर 2025 से पूर्व हुआ था. इसकी शिकायत बाद में तब दर्ज कराई गई जब कार्यक्रम का वीडीओ फुटेज वायरल हुआ. यह घटना सबसे पहले 'नमस्ते तेलंगाना' समाचारपत्र में प्रकाशित हुई थी. इसके बाद मेडक के सांसद रघुनंदन राव ने 6 अक्टूबर 2025 को सबूतों के साथ लिखित शिकायत दाखिल की. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी ने ई-EPIC की प्रतियाँ प्राप्त कर उन्हें प्रिंट और लैमिनेट करवाया और वितरित किया.
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'भ्रष्ट आचरण' की श्रेणी में क्यों माना गया?
शिकायत मिलने पर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) ने 06.10.2025 को लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसी आधार पर मधुरा नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 655/2025 दर्ज की गई, जिसमें श्री नवीन यादव को आरोपी नामित किया गया. वितरित किए गए EPICs में आधिकारिक होलोग्राम का अभाव प्रतीत होता है. कार्यक्रम से संबंधित तस्वीरों और वीडियो में भी ऐसा ही दिख रहा है. वहाँ पार्टी के बैनर भी लगाए गए थे. यह गतिविधि मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई थी. यह चुनाव कानूनों के तहत भ्रष्ट आचरण या अनुचित प्रभाव की श्रेणी में आता है.
संजय शर्मा