बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिया है. पीके ने सोमवार को 65 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. इससे पहले 51 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. इस तरह जन सुराज पार्टी ने राज्य की 243 सीटों में से 116 सीटों पर अपने सिपहसालार उतार दिए हैं.
बिहार के 2020 विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड यही बताता है कि बड़ी-बड़ी पार्टियों ने भी आयातित उम्मीदवारों के भरोसे किस्मत आजमाई थी. पीके भी उसी फॉर्मूले को आजमाने का दांव चल रहे हैं. इसीलिए उन्होंने पैराशूट कैंडिडेट पर अपना भरोसा जताया है.
जन सुराज की अभी तक जारी 116 उम्मीदवारों की सूची देखें तो दलबदलू नेताओं का पूरी तरह से दबदबा है. प्रशांत किशोर ने अपनी पहली लिस्ट में 16 और दूसरी सूची में 17 टिकट दूसरे दलों से आए नेताओं को दिए हैं. इस तरह करीब 33 टिकट दूसरे दलों से आए नेताओं को जन सुराज ने दिया है. ऐसे में क्या दलबदलुओं के सहारे बिहार की चुनावी जंग पीके फतह कर पाएंगे?
पीके की दूसरी लिस्ट में दलबदलू
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
जन सुराज पार्टी ने चैनपुर सीट से हेमंत चौबे को उम्मीदवार बनाया है, जो लालमुनि चौबे के बेटे हैं. लालमुनि चौबे बक्सर से 4 बार सांसद रहे हैं. वे बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते थे और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे. 2014 में उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी और अब उनके बेटे हेमंत चौबे को जन सुराज ने उम्मीदवार बनाया है.
पीके ने बक्सर से तथागत हर्षवर्धन को टिकट दिया है. वह कांग्रेस के बक्सर में जिलाध्यक्ष रहे हैं और उनके पिता केके तिवारी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. अब वह जन सुराज से मैदान में उतरे हैं। रत्नेश्वर ठाकुर को हरलाखी सीट से पीके ने उम्मीदवार बनाया है, जो लंबे समय तक सीपीआई माले में रहे हैं. कल्याणपुर सीट से मंतोष सहनी को टिकट दिया है, जो जेडीयू छोड़कर आए हैं.
सोनवर्षा सीट से सत्येंद्र हाजरा को टिकट दिया है. सत्येंद्र हाजरा 4 बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे हैं, जिन पर जन सुराज ने दांव खेला है. ऐसे ही सत्येंद्र कुमार सहनी को तरैया से टिकट दिया है, जो माले के एरिया कमांडर रहे हैं और जेडीयू में शामिल हो गए थे. अब उन्होंने जन सुराज का दामन थामा तो उन्हें पीके ने प्रत्याशी बना दिया.
पीके की पार्टी ने वाल्मीकि सिंह को बख्तियारपुर से प्रत्याशी बनाया है, जो एक समय नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे. वह जेडीयू से दो बार एमएलसी रहे हैं. मसौढ़ी से राजेश्वर मांझी को उम्मीदवार बनाया है. राजेश्वर मांझी जेडीयू से लेकर आरजेडी और जीतन राम मांझी की पार्टी में रह चुके हैं और अब जन सुराज से उतरे हैं.
किशनगंज के ठाकुरगंज से इकरामुल हक को उम्मीदवार बनाया है. इकरामुल आरजेडी में रहे हैं और अब जन सुराज से उतरे हैं. उजियारपुर से दुर्गा प्रसाद सिंह को टिकट दिया है, जो आरजेडी के विधायक रह चुके हैं. पाथेपुर सीट से दसाई चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जो एनसीपी में रहे.
सीतामढ़ी से जियाउद्दीन खान को टिकट दिया है, जो जेडीयू से जन सुराज में आए हैं. कांग्रेस छोड़कर आने वाले श्यामबली पासवान को कुटुंबा सीट से प्रत्याशी बनाया है। रीगा सीट से कृष्ण मोहन को टिकट दिया है, जो बीजेपी छोड़कर आए हैं.
पीके की पहली सूची में दलबदलू
प्रशांत किशोर ने पहली लिस्ट में एक दर्जन से भी ज्यादा दलबदलू नेताओं को टिकट दिया है. ढाका से लाल बाबू प्रसाद को प्रत्याशी बनाया, जो बीजेपी में रहे हैं। बिहारशरीफ से दिनेश कुमार को टिकट दिया है. दिनेश बिहारशरीफ के मेयर रहे हैं और जेडीयू की सियासत करते रहे हैं.
नबीनगर सीट से अर्चना चंद्र यादव को जन सुराज ने टिकट दिया है, जो बीजेपी से इसी साल शुरू में आई हैं. जन सुराज ने गोह से सीताराम दुखारी को उम्मीदवार बनाया है, जो जेडीयू से आई हैं. रितेश पांडेय को करगहर सीट से प्रत्याशी बनाया है, जो बीजेपी से जन सुराज में आए हैं.
अस्थवां सीट से लता सिंह को टिकट दिया गया है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी हैं. कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति को मोरवा सीट से टिकट दिया है, जिनका परिवार जेडीयू में है। खगड़िया सीट से जयंती पटेल को टिकट दिया है, जो जेडीयू में रह चुकी हैं.
लौरया सीट से सुनील कुमार को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं। बेलहर सीट से ब्रजकिशोर पंडित को टिकट दिया है, जो पहले आशा पार्टी से जुड़े थे. हाल ही में जन सुराज में शामिल होने वाले चंदन मेहता को सोनपुर सीट से पीके ने प्रत्याशी बनाया है.
कुबूल अहमद