NEET लीक: हजारीबाग से ओएस‍िस स्कूल प्रिंसिपल समेत 2 अरेस्ट, जले हुए क्वेश्चन पेपर से मिला था लिंक

CBI ने नीट पेपर लीक केस में हजारीबाग स्थ‍ित ओएस‍िस स्कूल के प्र‍िंस‍िपल समेत दो और ग‍िरफ्तार‍ियां की हैं. ओएस‍िस स्कूल के प्र‍िंंस‍िपल डॉ एहसान उल हक नीट एग्जाम के डिस्ट्रि‍क कोऑर्ड‍िनेटर भी थे.

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Hazaribagh Oasis School Principal Ehsaan-al-haq Hazaribagh Oasis School Principal Ehsaan-al-haq

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली ,
  • 28 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

NEET पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसान-उल-हक और सेंटर सुप्र‍िटेंडेट इम्त‍ियाज को सीबीआई ने आज ग‍िरफ्तार कर लिया. डॉ एहसान नीट एग्जाम हजारीबाग के डिस्ट्र‍िक कोऑर्ड‍िनेटर भी थे. सीबीआई ओएसिस स्कूल हजारीबाग के प्रिंसिपल एहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम के साथ–साथ एक पत्रकार को भी हजारीबाग से पटना लेकर आ सकती है. सीबीआई आगे की पूछताछ पटना में करेगी.

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सीबीआई गुरुवार को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी. सीबीआई की टीम ने पहले एहसान-उल-हक से इसी गेस्ट हाउस में पूछताछ की. बता दें कि पिछले चार दिनों से सीबीआई की टीम हजारीबाग में नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद सीबीआई टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था.

दो पत्रकारों का भी कनेक्शन आया सामने

प्रिंसिपल एहसान उल हक के साथ दो पत्रकारों का कनेक्शन सीबीआई में ट्रैक किया था. यह दोनों झारखंड के एक के हिंदी दैनिक से जुड़े हुए हैं. सीबीआई टीम जिस पत्रकार को पटना लेकर आ सकती है उसका नाम सलाउद्दीन बताया जा रहा है. पत्रकार और प्रिंसिपल के बीच पेपर लीक और नीट परीक्षा के दौरान लगातार बातचीत होती रही.एहसान उल हक के कॉल डिटेल्स के आधार पर पत्रकार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था. 

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ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल का क्या था रोल?

दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर सीबीआई की नजर है.

इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने आजतक पर सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है. बता दें कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. 

प्रिंसिपल ने आरोपों को लेकर क्या कहा था

हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना. 

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 पैकेट में छेड़छाड़ की बात

प्रिंसिपल ने कहा था कि ये बहुत दुखद खबर है कि इस मैटर में कुछ लोग आरोपी हमें ही बता रहे हैं. पेपर सात लेयर में आता है. सबसे पहले एक लोहे का बॉक्स होता है. उसके ऊपर गत्ते का एक कवर होता है. इसके ऊपर एनटीए की टेंपिग होती है. इसमें दो तरह के ताले होते हैं, एक डिजिटल लॉक, जो अपने आप खुलता है और दूसरे ताला को काटना होता है, जिसके लिए छोटी सी आरी भी दी हुई होती है. इसके बाद पैकेट को खोला जाता है. हम लोग जब जांचने के लिए जाते हैं तो उस गत्ते को जांचा जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है. इस बार जब पेपर आया तो मैंने जांच की थी तब गत्ते या टेपिंग में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी. इस दौरान एनटीए की तरफ से दो ऑब्सर्वर, दो छात्र और बाकी लोग मौजूद होते हैं.

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