बिना पायलट के युद्ध के मैदान में गोले-बारूद पहुंचाएगा ये अमेरिकी फाइटर हेलिकॉप्टर

AUSA 2025 में सिकोरस्की ने S-70UAS यू-हॉक पेश किया. यह UH-60L ब्लैक हॉक का बिना पायलट वाला संस्करण है. MATRIX सिस्टम से चलता है, जो लॉजिस्टिक्स, निगरानी और ड्रोन मिशन करता है. कॉकपिट हटाकर स्पेस 25% बढ़ा. 14 घंटे उड़ान भर सकता है. 2026 में पहली फ्लाइट. सैनिकों की जान बचाएगा.

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ये है सिकोरस्की का यू-हॉक हेलिकॉप्टर, जो पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. (Photo: Sikorsky) ये है सिकोरस्की का यू-हॉक हेलिकॉप्टर, जो पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. (Photo: Sikorsky)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

दुनिया का सबसे मशहूर युद्ध हेलीकॉप्टर ब्लैक हॉक अब बिना पायलट के उड़ान भर सकता है. अमेरिकी कंपनी सिकोरस्की ने वॉशिंगटन में चल रहे AUSA 2025 सम्मेलन में अपना नया हेलीकॉप्टर S-70UAS U-Hawk पेश किया. यह UH-60L ब्लैक हॉक का एक पूरी तरह स्वचालित संस्करण है, जो बिना किसी इंसान के लॉजिस्टिक्स (सामान पहुंचाना), निगरानी और लड़ाई के काम कर सकता है. सरल शब्दों में कहें तो, यह एक बड़ा ड्रोन हेलीकॉप्टर है, जो सैनिकों की जान बचाते हुए लंबे मिशन कर सकता है. 

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यू-हॉक की शुरुआत: ब्लैक हॉक से कैसे बना स्वचालित हेलीकॉप्टर?

ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना का पुराना दोस्त है. 1970 के दशक से यह सैनिकों को ले जाता है, सामान पहुंचाता है और जंग में मदद करता है. लेकिन अब जंग के मैदान में खतरा बढ़ गया है. इसलिए सिकोरस्की ने इसे बदल दिया. उन्होंने कॉकपिट (पायलट का केबिन), सीटें और सभी क्रू स्टेशन हटा दिए.

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इसके बजाय, आगे की तरफ क्लैमशेल डोर (झपट्टेदार दरवाजे) और पीछे कार्गो रैंप (सामान उतारने का रैंप) लगा दिया. इससे अंदर का स्पेस 25% बढ़ गया. यह बदलाव 10 महीनों में पूरा हुआ. सिकोरस्की के वाइस प्रेसिडेंट रिच बेंटन कहते हैं कि हमने ब्लैक हॉक का डीएनए लिया और इसे नई ताकत दी. यह सिर्फ डेमो नहीं, बल्कि सस्ती स्वचालित तकनीक का ब्लूप्रिंट है.

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यह हेलीकॉप्टर MATRIX नाम की स्वचालित सिस्टम से चलता है. यह सिस्टम रास्ता खुद बनाता है, बाधाओं से बचता है और रीयल-टाइम में फैसले लेता है. एक ऑपरेटर टैबलेट से इंजन स्टार्ट से मिशन खत्म तक सब कंट्रोल कर सकता है. कोई पायलट जरूरी नहीं.

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यू-हॉक की मुख्य खासियतें: क्या-क्या नया है?

  • कोई कॉकपिट नहीं: पूरी तरह अनक्रूड (बिना क्रू के), जो पायलटों को खतरे से बचाता है.
  • मॉड्यूलर डिजाइन: पुराने ब्लैक हॉक को आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है. सिकोरस्की इनोवेशन्स के डायरेक्टर इगोर चेरेपिंस्की कहते हैं कि हमारा फोकस रेट्रोफिट पर है. मौजूदा हेलीकॉप्टरों को नया बना सकते हैं बिना जीरो से शुरू किए.
  • फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम: तीसरी पीढ़ी का सस्ता कंट्रोल सिस्टम, जो कंप्यूटर से उड़ान चलाता है.
  • कार्गो लोडिंग: आगे के दरवाजों से सामान सीधा ड्राइव-ऑन-ड्राइव-ऑफ (गाड़ी चढ़ाकर उतारना) हो जाता है. कोई हाथ से उठाने की जरूरत नहीं.
  • मिशन फ्लेक्सिबिलिटी: लॉजिस्टिक्स, ISR (खुफिया निगरानी), ड्रोन लॉन्च और ग्राउंड व्हीकल डिप्लॉयमेंट. यह हेलीकॉप्टर हाई-रिस्क जगहों पर काम करेगा, जैसे दुश्मन इलाकों में सामान पहुंचाना.

पूरी स्पेसिफिकेशन्स: नंबर्स में समझें

  • आधार मॉडल: UH-60L ब्लैक हॉक, पूरी तरह अनक्रूड संस्करण. 
  • इंजन: दो GE T700-GE-701D टर्बोशाफ्ट, 1940 शाफ्ट हॉर्सपावर प्रत्येक.
  • अधिकतम स्पीड: लगभग 340 किमी/घंटा, स्टैंडर्ड ब्लैक हॉक जैसा. 
  • रेंज: लगभग 2,960 किमी. इंटरनल फ्यूल टैंक्स के साथ.
  • लॉइटर टाइम: 14 घंटे से ज्यादा. बिना रिफ्यूलिंग के. 
  • इंटरनल पेलोड: लगभग 3,175 किग्रा, चार JMIC कंटेनर या HIMARS रॉकेट पॉड.
  • एक्सटर्नल लिफ्ट: लगभग 4,082 किग्रा, स्लंग लोड के लिए. 
  • फर्स्ट फ्लाइट: 2026 में प्रोटोटाइप 300 दिनों में डिलीवर.

ये स्पेक्स बताते हैं कि यू-हॉक पुराने ब्लैक हॉक से ज्यादा लंबा और भारी लोड ले जा सकता है. उदाहरण के लिए, यह HDT Hunter Wolf 6x6 UGV (अनक्रूड ग्राउंड व्हीकल) को एयर-टू-ग्राउंड टीमिंग में इस्तेमाल कर सकता है.

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यू-हॉक के मिशन: क्या-क्या कर सकता है?

  • रैपिड रिसप्लाई: सैनिकों को तेजी से सामान पहुंचाना, जैसे हथियार या दवाएं.
  • ISR ड्रोन डिप्लॉय: सेंसर ड्रोन लॉन्च करना और निगरानी करना.
  • लॉजिस्टिक्स इन डिनाइड एरिया: दुश्मन हवाई क्षेत्र में बिना पायलट के उड़ान.
  • स्वॉर्म ऑपरेशन्स: कई ड्रोन्स के साथ टीम बनाकर काम.
  • कॉम्बैट सपोर्ट: रॉकेट पॉड या मिसाइल ले जाकर हमला.

अमेरिकी सेना के लॉजिस्टिक्स और स्पेशल ऑपरेशन्स कमांड को इसमें दिलचस्पी है. यह पुराने UH-60 फ्लीट को नया जीवन देगा.

भविष्य: क्या होगा आगे?

सिकोरस्की का प्लान है कि 2026 में पहली उड़ान हो. फिर इसे अमेरिकी आर्मी के 2,000 से ज्यादा ब्लैक हॉक में अपग्रेड करेंगे. पेंटागन की रणनीति में ऑटोनॉमस लॉजिस्टिक्स महत्वपूर्ण है, खासकर चीन या रूस जैसे दुश्मनों से जंग में. यू-हॉक साबित करेगा कि पुरानी मशीनें नई तकनीक से अमर हो सकती हैं.

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