12 अक्टूबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर भयानक लड़ाई हुई. यह झड़प करीब सात घंटे चली, जिसमें दोनों तरफ से गोलियां चलीं. तोपों की गड़गड़ाहट हुई. हवाई जहाजों ने हमले किए. पाकिस्तान के एक सैनिक आसलम जद्रान की मौत हो गई, जिनका शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा हुआ कुर्रम जिले में दफनाया गया. इसके बाद पाकिस्तान में कबूल किया हमारे 25 सैनिक मारे गए. तालिबान कह रहा है उसने पाकिस्तान के 52 सैनिकों को मारा है. लेकिन झूठ की फैक्ट्री पाकिस्तान 200 तालिबानी मारने का दावा कर रहा.
सबसे पहले, पाकिस्तान ने अपने इलाके में छिपे 27 आतंकियों को मारने के लिए ड्रोन से हमला किया. यह हमला पाकिस्तान की जमीन पर ही हुआ था. अफगान तालिबान को यह पसंद नहीं आया. उन्होंने सोचा कि यह उनके खिलाफ है. इसलिए रात करीब 9 बजे अफगान तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पर गावी इलाके में पाकिस्तानी चौकी पर हमला कर दिया. यह कुर्रम जिले में है, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का हिस्सा है.
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यह हमला सिर्फ एक जगह नहीं रुका. जल्दी ही यह पूरी सीमा पर फैल गया. अफगानिस्तान के कुनर, नंगरहर और नूरिस्तान प्रांतों से अफगान फौज ने पाकिस्तानी चौकियों पर गोलियां चलाईं. तीराह घाटी में भी अफगान तालिबान ने मोर्टार से गोले दागे.
पाकिस्तान भी चुप नहीं रहा. आधी रात से पहले ही दोनों तरफ से भयंकर लड़ाई शुरू हो गई. पाकिस्तानी फौज ने तोपों से और हवाई जहाजों से अफगान चौकियों पर हमला किया. पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) के जेट विमानों ने अफगानिस्तान के अंदर कई जगहों पर बम गिराए. स्रोतों के मुताबिक, PAF ने हेलमंद, कंधार, खोस्त, पक्तिया और पक्तिका प्रांतों में दुश्मन ठिकानों को निशाना बनाया.
PAF के जेट अफगान हवाई क्षेत्र में उड़ते हुए तालिबान की सीमा चौकियों और आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करने का दावा करते रहे. पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि इस दौरान अफगान तालिबान ने पाकिस्तान से सीजफायर की गुजारिश की, लेकिन पाकिस्तान ने इसे ठुकरा दिया.
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सुबह 2 बजे से 4 बजे तक पाकिस्तानी तोपें और PAF ने अफगान ठिकानों पर बौछार की. इससे कई जगहें नष्ट हो गईं, जैसे...
यह लड़ाई सिर्फ एक लाइन में नहीं लड़ी गई. कई जगहों पर अलग-अलग घटनाएं हुईं...
लड़ाई के बीच तुरंत कई सीमा पार बंद कर दिए गए...
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सुबह करीब 4 बजे गोलीबारी रुक गई. पाकिस्तान की तरफ सब कुछ नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बरकरार है. PAF के जेट और तोपें हाई अलर्ट पर हैं. अफगानिस्तान की तरफ से क्रॉस-बॉर्डर फायर रुक गया है, लेकिन निगरानी जारी है.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा पर हमेशा तनाव रहता है. यह दुर्लभ घाटी (ड्यूरंड लाइन) कहलाती है, जो ब्रिटिश काल में बनाई गई थी. अफगानिस्तान इसे मानता नहीं. तालिबान सत्ता में आने के बाद से आतंकी घुसपैठ बढ़ी है.
पाकिस्तान अक्सर ड्रोन से आतंकियों को मारता है, जो अफगानिस्तान को चुभता है. यह घटना उसी का नतीजा लगती है. अफगान पक्ष के नुकसान ज्यादा बताए जा रहे हैं. दोनों देशों के लोग डर में हैं.
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