रूस की यारी से भारी होगी ब्रह्मोस की रेंज, नए वर्जन पर बनेगी बात

पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. इस दौरे में ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन पर बात पक्की है. हल्का ब्रह्मोस-NG हर फाइटर जेट पर लगेगा, रेंज 400 किमी से ज्यादा. लंबी रेंज वाली ब्रह्मोस 1000-1500 किमी तक मार करेगा. हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट भी शुरू होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को और खतरनाक ब्रह्मोस चाहिए. भारत-रूस की यह डील दुश्मनों की नींद उड़ा देगी.

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भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट पर लगा ब्रह्मोस-एनजी वर्जन. (File Photo: PTI) भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट पर लगा ब्रह्मोस-एनजी वर्जन. (File Photo: PTI)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. इस दौरे में सबसे बड़ी खबर ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर आने वाली है. भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस के हल्के और ज्यादा रेंज वाले नए वर्जन बनाने की बात करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) में पाकिस्तान पर ब्रह्मोस ने जो तबाही मचाई थी, उसके बाद सेना को लगा कि अब और ताकतवर ब्रह्मोस चाहिए.

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यह भी पढ़ें: राफेल और SU-57 की जुगलबंदी से इंडियन एयरफोर्स की ताकत कितनी बढ़ेगी? रूस से होगी फाइटर जेट पर डील

ब्रह्मोस के नए वर्जन क्या होंगे?

  • ब्रह्मोस-NG (नेक्स्ट जेनरेशन).  
  • बहुत हल्का (आधा वजन).  
  • छोटा साइज, इसलिए हर फाइटर जेट पर लग सकेगा – राफेल, सुखोई-30, तेजस सब पर.  
  • रफ्तार 4322 km/hr  
  • रेंज 400 किमी से ज्यादा  
  • एक जेट पर 6-7 मिसाइलें लग सकेंगी (अभी सिर्फ 1-2)

लंबी रेंज वाला ब्रह्मोस  

  • अभी की रेंज 290-450 किमी है. 
  • नया वर्जन 900-1,500 किमी तक मार करेगा.  
  • दुश्मन के एयरबेस, कमांड सेंटर को बहुत दूर से तबाह कर सकेगा.

हाइपरसोनिक मिसाइल पर भी बात  

  • स्पीड: 6174 से 14818 km/hr.
  • कोई भी रक्षा तंत्र रोक नहीं पाएगा.  
  • भारत-रूस मिलकर नया हाइपरसोनिक ब्रह्मोस या जिरकॉन बना सकते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने मचाई थी तबाही

मई 2025 में जब पाकिस्तान ने उकसावा किया था, तब भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 से ब्रह्मोस दागी थी. पाकिस्तान के 8 एयरबेस, रडार और कमांड सेंटर तबाह हुए थे. पाकिस्तान की कोई मिसाइल डिफेंस काम नहीं आई. दुनिया ने देखा कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे खतरनाक क्रूज मिसाइल है. इसके बाद सेना ने कहा – अब हल्का और ज्यादा रेंज वाला चाहिए.

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ब्रह्मोस – भारत-रूस की दोस्ती का सबसे कामयाब हथियार

  • 1998 में भारत-रूस ने मिलकर शुरू किया था.  
  • भारत की DRDO + रूस की NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया.  
  • अब 70% पार्ट्स भारत में बनते हैं.  
  • भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना में हजारों मिसाइलें तैनात.  
  • फिलीपींस को पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर मिल चुका है.  
  • वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया भी लाइन में हैं.

S-400 की नई डील भी लगभग पक्की

पुतिन के दौरे में 280 और S-400 मिसाइलों की डील भी फाइनल हो सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में S-400 ने पाकिस्तान के J-10C जेट्स और मिसाइलों को आसमान में ही मार गिराया था. अब पांचवीं रेजीमेंट भी जल्द आएगी.

कुल मिलाकर क्या होगा?

  • ब्रह्मोस-NG 2028-29 तक तैयार.  
  • 1,000 किमी+ रेंज वाला ब्रह्मोस 2032 तक.  
  • हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट शुरू.  

भारत दुनिया का सबसे बड़ा क्रूज मिसाइल बनाने वाला देश बनेगा. पुतिन और मोदी की मीटिंग में जब ये ऐलान होगा तो पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ जाएगी. ब्रह्मोस अब सिर्फ मिसाइल नहीं, भारत की ताकत का नाम है.

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