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अपनी जमीन पर बनवाएं तालाब, सरकार करेगी मदद, मछली पालन से भी होगा मुनाफा

खेत-तालाब योजना के तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर तीन किस्तों में 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उत्तर प्रदेश के पारदर्शी किसान सेवा योजना पर जाकर आवेदन करना होगा. योजना में अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक तथा लघु/सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता इस योजना के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.

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Khet Talab Yojana
Khet Talab Yojana

Khet Talab Yojana: रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है. इसके बाद तकरीबन दो महीने तक खेत खाली रहेंगे. अगर आप इन खेतों में मछली पालन करना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार की खेत तालाब योजना का लाभ ले सकते हैं. खेत तालाब योजना के माध्यम से आप अपने अन्य खेतों की सिंचाई की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. इसके अलावा वह मछली पालन से भी बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. 

खेत में तालाब बनवाने पर बंपर सब्सिडी

खेत तालाब योजना के तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर तीन किस्तों में 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उत्तर प्रदेश के पारदर्शी किसान सेवा योजना पर जाकर आवेदन करना होगा. आवेदन शुल्क के तौर पर किसानों को 1000 रुपये देने होंगे. आवेदन करने के बाद जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदित सूची के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक तथा लघु/सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता इस योजना के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.

तालाब का आकार और उसकी लागत

छोटे तालाब – (22×20×3 मी०) लागत/तालाब – रु. 105000
मध्यम तालाब- (35×30×3 मी०) लागत/तालाब-रु. 228400

मिलेगी बंपर सब्सिडी

सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में तीन किस्तों में भेजी जाएगी. छोटे तालाब के निर्माण में किसानों के खाते में 52500 रुपये की सब्सिडी आएगी. वहीं मध्यम तालाब के निर्माण के दौरान किसानों के खाते में 114,200 रुपये आ जाएंगे.

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राजस्थान में भी तालाब बनवाने पर बंपर सब्सिडी

राजस्थान में भी किसानों को खेतों में तालाब बनवाने पर अच्छी खासी सब्सिडी दी जाती है. किसान फार्म पॉन्ड योजना के तहत राजस्थान सरकार 1200 घन मीटर वाले कच्चे फार्म पौण्ड व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड निर्माण पर अधिकतम लघु व सीमांत कृषकों को लागत का 70 प्रतिशत ( 73500 या 105000) सब्सिडी के रूप में देती है. वहीं, अन्य किसानों लागत का 60 प्रतिशत (63000 या 90000) अनुदान दिया जाता है.

 

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