
किसान फसलों की सिंचाई (Crop Irrigation) और खेती में पानी की मात्रा को लेकर अक्सर संशय में रहते हैं. जागरूकता की कमी की वजह से कई बार फसलों की देखभाल सही तरीके से नहीं कर पाते तो कभी कम सिंचाई (Irrigation) की वजह से फसल का उत्पादन इतना अच्छा नहीं हो पाता है, जितने की उम्मीद रहती है. कई बार ऐसा भी होता है कि पानी की अधिक मात्रा और ज्यादा सिंचाई की वजह से खेतों में ही फसल सड़ जाती है.
इन्हीं सब स्थितियों से निपटने के लिए आईसीएआर गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर की तरफ से एक ऐसी मशीन तैयार की गई है, जो खेतों में कितनी नमी है, इस बारे में जानकारी देगी. बता दें कि इस यंत्र की अनुमानित कीमत प्रति यूनिट 1500 रुपये +जीएसटी रखी गई है.
कैसे किया जाता है इस यंत्र का उपयोग?
मृदा नमी संकेतक यंत्र को आईसीएआर-एसबीआई, कोयंबटूर द्वारा बनाया गया है. इस यंत्र में 2 रॉड लगी हुई हैं. जब-जब किसान भाइयों को मिट्टी की नमी (Soil Moisture Status) जानने की आवश्यकता महसूस होगी तो वह इस यंत्र को खेत में गाड़ देंगे. फिर यंत्र में लगे 4 रंगों के एलईडी के माध्यम से आपको खेतों की नमी के बारे में जानकारी हासिल हो जाएगी.

मृदा नमी संकेतक यंत्र का क्या है फायदा?
> खेत में नमी की मौजूदगी के बारे में पता चलेगा.
> किस खेत को कितनी सिंचाई की जरूरत है, ये आसानी से पता चल जाएगा.
> पानी की बचत एवं लागत सुनिश्चित होगी.
केंद्र सरकार से मिल चुका पुरस्कार
इस तकनीक पर आईसीआर गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबटूर साल 2016 से ही काम कर रही थी. इससे पहले जल शक्ति मंत्रालय द्वारा इस तकनीक को द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2019 में जल संरक्षण श्रेणी के लिए सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान/नवाचार/नई तकनीक को अपनाने में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इन फर्मों को दिया गया लाइसेंस
आईसीएआर-एसबीआई ने पूरे देश में पंद्रह फर्मों को इस तकनीक का लाइसेंस दिया है. ये लाइसेंसधारी देश के प्रमुख कृषि राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसका अनुमानित कीमत प्रति यूनिट रु. 1500/+जीएसटी रखी गई है. अगर किसान भाई मृदा नमी संकेतक को खरीदना चाहते हैं संस्थान की तरफ से अप्रूव फर्मो से खरीद सकते हैं. इसके अलावा किसान भाई अगर इस तकनीक के बारे में अन्य जानकारियां चाहते हैं तो आईसीआर गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर के वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं.