Sagwan Farming Cost and Profit: कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलने की वजह से सरकार किसानों को सागवान के पेड़ों की खेती करने की सलाह देती है. इसकी लकड़ियों की गिनती सबसे मजबूत और महंगी लकड़ियों में होती है.इससे फर्नीचर, प्लाइवुड तैयार किया जाता है. इसके अलावा सागवान का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है.
सागवान के लिए खेत में कितनी हो दूरी
सागवान की लकड़ियां लंबे समय तक टिकती हैं. इसकी खेती के लिए न्यूनतम 15 डिग्री और अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है. इसके अलावा जलोढ़ मिट्टी सागवान की खेती के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है. मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
कौन सा मौसम सागवान की बुवाई के लिए ठीक?
सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है. इस मौसम में पौधा लगाने से वो तेजी से बढ़ता है. शुरुआती सालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. पहले साल में तीन बार दूसरे साल में दो बार और तीसरे साल में एक बार अच्छे से खेत की सफाई जरूरी है, सफाई के दौरान खरपतवार को पूरी तरह खेत से बाहर करना होता है. सागवान के पौधे के विकास के लिए सूर्य की रौशनी अत्यंत आवश्यक होती है. ऐसे में पौधा लगाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त रोशनी पहुंच सके. नियमित समय पर पेड़ के तने की कटाई-छटाई और सिंचाई करने से पेड़ की चौड़ाई तेजी से बढ़ती है.
सागवान के पेड़ को जानवरों से डर नहीं
सागवान के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं. यही वजह है कि जानवर खाना पसंद नहीं करते. साथ ही अगर पेड़ की देखभाल ठीक से की जाए तो इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती. इसके विकास में तकरीबन 10 से 12 लगते हैं. किसान एक ही पेड़ से कई सालों तक मुनाफा कमा सकते हैं. सागवान का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद फिर से बड़ा होता है और दोबारा इसे काटा जा सकता है. ये पेड़ 100 से 150 फुट ऊंचे होते हैं.
सागवान से करोड़ों में कमाई
अगर कोई किसान 500 सागवान के पेड़ लगाता है तो 12 वर्ष के बाद इसे करीब एक करोड़ रुपये में बेच सकता है. बाजार में 12 साल के सागवान के पेड़ की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक है और समय के साथ इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. ऐसे में एक एकड़ की खेती से 1 करोड़ रुपये की कमाई आराम से की जा सकती है.