किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार बागवानी की फसलों की खेती के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा कई स्कीमें भी चलाई जा रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत राइपनिंग चैंबर लगाने के लिए बंपर सब्सिडी दे रही है.
अधिकतम 75 प्रतिशत की सब्सिडी
बता दें कि संसाधन और मशीनरी के अभाव में किसान अपने फल को केमिकल से पकाते हैं. ये फल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. ऐसे में बिहार सरकार राइपनिंग चैंबर स्थापित करने के लिए किसानों को इकाई लागत पर व्यक्तिगत किसान / उद्यमी के लिए अधिकतम 50% और FPO/FPC के लिए अधिकतम 75% का सहायतानुदान दे रही है.
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत राइपनिंग चैंबर स्थापित करने के लिए किसानों को इकाई लागत पर व्यक्तिगत कृषक / उद्यमी के लिए अधिकतम 50% एवं FPO/FPC के लिए अधिकतम 75% का सहायतानुदान दे रही है सरकार। @Agribih@AgriGoI@KrSarvjeetRJD@saravanakr_n#RipeningChamber #Bihar pic.twitter.com/ZLFutbVYBR
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) April 18, 2023
सरकार ने राइपनिंग चेंबर की इकाई लागत 1 लाख रुपये मिली है. व्यक्तिगत किसान को इस 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. इस आधार पर किसान को राइपनिंग चेंबर स्थापित करने पर 50 हजार रुपये बतौर अनुदान दिए जाएंगे. वहीं, FPO/FPC को 75% सब्सिडी यानी प्रति यूनिट 75,000 रुपये मिलेंगे.
राइपनिंग चेंबर में 24 से 48 घंटे में फल पक जाते हैं
इस चेंबर में फल सिर्फ 24 से 48 घंटे में पक जाते हैं. इसके लिए एथिलीन गैस का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए नुकसान नहीं माना जाता है.जबकि अभी तक पारंपरिक तौर पर बाजारों में कार्बाइड के जरिए यह फल पकाए जाते हैं, जो काफी लंबी प्रकिया है. साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी काफी हानिकारक है.