scorecardresearch
 

यूपी: बर्बाद हुई फसल तो किसान ने लगा ली फांसी, हफ्ते भर में दूसरा मामला

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान प्रीतम ने अहिरवार सवा एकड़ भूमि पर उड़द की फ़सल लगाई थी. हालांकि, सूखे के चलते पूरी फसल बर्बाद हो गई. वह सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सका और जान दे दी.

Advertisement
X
फसल बर्बाद होने पर किसान ने की आत्महत्या
फसल बर्बाद होने पर किसान ने की आत्महत्या

उतत्र प्रदेश के ललितपुर जिले में एक किसान ने फसल खराब होने के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवा किसान प्रीतम अहिरवार ने सवा एकड़ भूमि पर उड़द की फसल लगाई थी. सूखे के चलते ये फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. किसान यह सदमा सह नहीं पाया. उसने फांसी लगा ली. हफ्ते भर के अंदर किसान द्वारा आत्महत्या का ये दूसरा मामला है. इससे पहले कानपुर देहात से भी इसी तरह का मामला सामने आया था. हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी फसल खराब होने से जोड़कर इस आत्महत्या को नहीं देख रहे हैं.

कानपुर से भी आया था ऐसा ही मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के रहने वाले किसान चंद्रपाल सिंह ने रबी सीजन के दौरान गेहूं की फसल के लिए 3 लाख 60 हजार रुपये का लोन लिया था. 6 बीघे में फसल लगाई जोकि बर्बाद हो गई. कर्ज की रकम नहीं चुका पाने की वजह से किसान ने आत्महत्या कर ली.

सुसाइड नोट में बताई वजह

किसान ने PM मोदी और CM योगी को संबोधित करते हुए एक सुसाइड नोट भी लिखा था. सुसाइड नोट में किसान ने बताया कि फसल खराब होने के बाद भी लेखपाल ने नुकसान का सर्वे तक नहीं किया था जिसके चलते उन्हें मुआवजा तक नहीं मिला था. परिजनों ने बताया कि चंद्रपाल ने कर्ज चुकाने के लिए एक बीघे खेत को ₹60000 पर गिरवी भी रखा था.

बुंदेलखंद में सूखे की स्थिति

Advertisement

खरीफ सीजन के अंतर्गत किसानों ने उरद, अरहर,  तिल के साथ-साथ बड़े पैमाने पर धान की फसल लगाई है. वहीं, इस बार मॉनसून की बारिश से कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. बुंदेलखंड के साथ जनपदों में अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है. अब सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं जिसके चलते किसानों की खेती सूखने लगी है.

 

Advertisement
Advertisement