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यूपी: टमाटर की अच्छी उपज के बाद भी परेशान किसान, जानें क्यों नुकसान झेलने को मजबूर

पिछले साल टमाटर की फसल में अच्छा खासा मुनाफा देखकर इस साल राजगढ़ के रहने वाले किसान किताबू ने 65 बीघा में टमाटर की खेती की. इसकी रखवाली के लिए चौकीदार भी रखा. इस बार टमाटर की भरपूर फसल आई तो वह खुश हो गए. मगर अब पूरी टमाटर की फसल ही खेत मे पड़ी है.

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Tomato Cultivation
Tomato Cultivation

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के राजगढ़ में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. यहां पर उगाए गए टमाटर कानपुर, प्रयागराज,लखनऊ,वाराणसी के साथ-साथ बैंगलोर और नेपाल तक भेजे जाते हैं. इससे किसानों को बढ़िया मुनाफा हासिल होता है. हालांकि, इस बार टमाटर की खेती करने वाले किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. वे अपनी उपज की कीमत तक नहीं वसूल पा रहे हैं. 

खेतों में सड़ रही है टमाटर की उपज
पिछले साल किसानों ने टमाटर की खेती से अच्छा खासा मुनाफा हासिल किया था. इसी को देखते हुए राजगढ़ के रहने वाले किसान किताबू ने इस साल 65 बीघा खेत में टमाटर की खेती की थी. इसकी रखवाली के लिए पांच हजार रुपया महीने पर चौकीदार रखा था. इस साल खेत में टमाटर की भरपूर फसल आई तो वह खुश हो गए. उनकी ये खुशी ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रही. अब टमाटर की पूरी फसल खेत में ही पड़ी है.

टमाटर की फसल तैयार होने के बाद जब उसे मार्केट में बेचने का वक्त आया तो टमाटर का भाव अचानक गिर गया. थोक व्यापारी 25 से 30 रुपये कैरेट पर टमाटर ले रहे हैं. एक कैरेट में कुल 28 किलो टमाटर आता है. खेत में मजदूरों से टमाटर को तुड़वाने की कीमत ही 20 रुपये कैरेट आती है. मुसीबत ये भी है कि किसान इस टमाटर को मंडी तक खुद लेकर जाता है. इस प्रकिया में टमाटर की लागत और बढ़ जाती है.

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मिर्जापुर की महिला किसान

किताबू का कहना है कि अब तक 15 लाख रुपये का घाटा हो चुका है. पूरे खेत मे टमाटर बिखरा पड़ा है. लागत ही नहीं निकल पा रही है. यही हाल राजगढ़ की रहने वाली अमरावती देवी का भी है. उन्होंने पांच बीघे में टमाटर की खेती की है. उसे तोड़ने की नौबत ही नहीं आई. कोई व्यापारी टमाटर लेने के लिए पहुंचा ही नहीं. खेतों में ही टमाटर सड़ रहा है. इसी गांव की रहने वाली सुशीला देवी का कहना है कि इस साल पूरे इलाके में टमाटर के किसानों को घाटा हुआ है. 

मजदूरों को नुकसान
टमाटर की खेती में किसानों को हो रहे नुकसान का खामिजा मजदूरों को भी भुगतना पड़ रहा है. खेत में टमाटर तोड़ कर अपना घर चलाने वाली गीता देवी का कहना है कि दिन भर में दो सौ रूपये मजदूरी मिलती थी. खेत में टमाटर तोड़ कर गाड़ियों में ले जाया जाता था.  इस बार किसानों की हिम्मत ही नहीं हो पा रही है कि फसल की तुड़ाई की जाए. किसानों की लागत भी नही निकल पा रही है.

टमाटर की भारी उपज से मुसीबत किसानों को हो रही है. जो टमाटर की उपज की कीमत एक से डेढ़ रुपये प्रति किलो किसानों को मिल रही है. वही टमाटर किसान के खेत से चंद किलोमीटर दूर बाजार में 10 रुपये किलो बिक रहा है. राजगढ़ बाजार में सब्जी के व्यापारी और टमाटर की खरीद करने वाले व्यापारी लाल बाबू केसरी का कहना है कि सस्ता टमाटर मिल रहा है इसलिए खरीद रहे हैं. यहां टमाटर का भाव दस रुपये किलो है. हम इसी भाव पर बेच रहे हैं.

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